बहराइच। सेनानी भवन में सेनानी उत्तराधिकारी संगठन की ओर से सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि उनके चित्र पर माल्यार्पण कर मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश महामंत्री रमेश मिश्रा ने किय। मंच संचालन मुकेश श्रीवास्तव ने किया। संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि सरोजिनी नायडू एक महान कवित्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थी। सरोजिनी जी पहली महिला थी जो इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष और किसी प्रदेश की गवर्नर बनी थी। सरोजिनी जी बच्चों के ऊपर विशेष रूप से कविता लिखा करती थी। उनकी हर कविता में एक चुलबुलापन होता था। ऐसा लगता था उनके अंदर का बच्चा अभी भी जीवित है। यही वजह है कि उन्हें ‘भारत की कोकिला’ कहा जाता था।. भारत की महान सफल महिलाओं की लिस्ट में सरोजिनी नायडू का नाम सबसे ऊपर आता है। सरोजिनी जी ने बहुत अच्छे अच्छे कार्य किये इसलिए वे दुनिया के लिए एक बहुमूल्य हीरे से कम नहीं थी। सरोजनी जी हम सब भारतीयों के लिए एक सम्मान का प्रतीक है। भारतीय महिलाओं के लिए वे एक आदर्श है, उनके जन्म दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रदेश महामंत्री रमेश मिश्रा ने कहा कि सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को वर्तमान तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में हुआ था। उनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय थे जो एक बंगाली ब्राह्मण थे। चट्टोपाध्याय हैदराबाद कॉलेज के प्रिंसिपल भी थे। नायडू की माता वरदा सुन्दरी देवी थी जो बंगाली भाषा में कविताएँ लिखती थी। नायडू अपने आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। उनके दो छोटे भाई वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय तथा हरिंद्रनाथ थे। विरेंद्रनाथ एक क्रांतिकारी थे जबकि हरिंद्रनाथ एक कवि व अभिनेता थे। इस मौके पर राजेश बोट एडवोकेट, जगत राम यादव, पवन शर्मा एडवोकेट, पवन सिंह, दिनेश कुमार मिश्र एडवोकेट, अभिषेक द्विवेदी एडवोकेट मौजूद रहे।
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