आईएमएफ ने लोन देने से किया इनकार, डिफॉल्‍टर होगा पाक!

इस्‍लामाबाद। आर्थिक रूप से महाकंगाली से गुजर रहे पाकिस्‍तान के डिफॉल्‍टर होने का खतरा गहरा गया है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडी ने पाकिस्‍तान की रेटिंग को जहां सीएए3 कर दिया है, वहीं अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने लोन देने से एक तरह से किनारा कर लिया है। इससे पाकिस्‍तान की शहबाज सरकार हताश हो गई है और खुलकर आईएमएफ पर लोन नहीं मिलने के लिए ठीकरा फोड़ रही है। बार-बार कर्ज मांगकर भ‍िखारियों वाली हालत में पहुंच चुके पाकिस्‍तान को आईएमएफ से ताजा लोन के लिए मनाने में नाको चने चबाना पड़ रहा है। वहीं विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान अब डिफॉल्‍ट होने से मात्र कुछ सप्‍ताह ही दूर है।मूडी के रेटिंग घटाने और आईएमएफ से लोन की दूर-दूर तक कोई उम्‍मीद नहीं दिखने पर पाकिस्‍तानी अधिकारी इसके लिए अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी को जिम्‍मेदार बताने लगे हैं। पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तानी अधिकारी इस बात से बौखलाए हुए हैं कि आईएमएफ शर्ते लगा रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम सदस्‍य देश हैं, भ‍िखारी नहीं। एक अन्‍य पाकिस्‍तानी अधिकारी ने तो हालात की तुलना साल 1998 से कर दी। उस समय पाकिस्‍तान ने परमाणु विस्‍फोट किया था और देश में आर्थिक तबाही आ गई थी। इसके बाद पाकिस्‍तान के डिफॉल्‍ट होने का खतरा प्रबल हो गया था।पाकिस्‍तान की सरकार आईएमएफ को मनाने में नाकाम रही है और उसको लोन मिलना अब बहुत ही मुश्किल हो गया है। पाकिस्‍तानी अखबार ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक यह बहुत ही दुर्लभ है कि शहबाज सरकार भारी राजनीतिक कीमत चुकाते हुए कठोर फैसले लेने के बाद भी आईएमएफ से लोन नहीं ले पाई है। अब पाकिस्‍तानी यह दावा कर रहे हैं कि इसके लिए आईएमएफ ही जिम्‍मेदार है। हालत अब यह हो गई है कि पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री अमेरिका की शरण में पहुंच गए हैं।
पाकिस्‍तानी वित्‍त मंत्री इशाक डार ने अमेरिका के डिप्टी वित्‍त मंत्री वल्‍ली अडेयेमो के साथ बैठक की है। अमेरिकी मंत्री एक दूसरे मुद्दे पर बातचीत करना चाहते थे और इसी में पाकिस्‍तान लोन की भीख मांगने लगा। पाकिस्‍तान और आईएमएफ के बीच मुद्रा के एक्‍सचेंज रेट, ब्‍याज दर, बिजली पर सरचार्ज को लेकर मतभेद बना हुआ है। पाकिस्‍तान सरकार करीब 25 साल के बाद इस तरह के हालात का सामना कर रही है। पाकिस्‍तान और आईएमएफ के बीच में 1.1 अरब डॉलर के लोन के लिए पिछले करीब 1 महीने से बातचीत चल रही है। पाकिस्‍तान को चीन को छोड़कर किसी देश से लोन नहीं मिल रहा है। दोस्‍त सऊदी अरब भी किनारा कर चुका है।