हिंडनबर्ग के झटके से उबरने में अडाणी समूह के शेयरों को उबरने में लगेगा समय

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में शुरू हुआ गिरावट का सिलसिला फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। अडाणी समूह के कुछ शेयर, तो ऐसे टूटे हैं कि उन्हें अपने 52 वीक के हाई लेवल को हासिल करने के लिए 400 फीसदी तक की रैली की जरूरत पड़ेगी। टूटते शेयरों की वजह से कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटा है। इस वजह से गौतम अडाणी के नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है। कभी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स के पायदान पर काबिज होने वाले गौतम अडानी की संपत्ति अब 50 अरब डॉलर के नीचे आ गई है।सोमवार को भी अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर सोमवार के कारोबार में 597.50 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गए। इस कीमत पर स्टॉक को 19 अप्रैल 2022 के 3,048 रुपये के अपने 52 वीक के हाई लेवल को फिर से हासिल करने के लिए 410 प्रतिशत की रैली की आवश्यकता है। अडाणी ट्रांसमिशन 875.05 रुपये के निचले स्तर पहुंचा है. अब इस स्टॉक को 16 सितंबर 2022 के अपने 52-सप्ताह के उच्च स्तर 4,238.55 रुपये पर पहुंचने के लिए 384 प्रतिशत की छलांग की जरूरत है।हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडाणी टोटल गैस के शेयर बुरी तरह से टूटे हैं। यह अपने सबसे लो लेवल 922.95 रुपए पर आ गया है। इस स्टॉक को अपने 52 वीक के हाई लेवल 3,998.35 रुपये तक पहुंचने के लिए 332 प्रतिशत की जोरदार छलांग लगाने की जरूरत है। अडाणी पोर्ट्स को 565.55 रुपये के स्तर से अपने 52 वीक के हाई लेवल पर पहुंचने के लिए 75 प्रतिशत की छलांग लगाने की जरूरत थी। इसका 52 वीक का हाई लेवल 987.90 रुपये है। आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में अडानी समूह के कुछ शेयरों में म्युचुअल फंडों ने हिस्सेदारी कम कर दी थी। अडाणी एंटरप्राइजेज के मामले में म्यूचुअल फंडों ने 31 जनवरी को 1,16,54,223 शेयर या 1.02 प्रतिशत की कटौती की, जो 31 दिसंबर को 1,32,12,030 शेयर या 1.16 प्रतिशत थी। हिंडबनर्ग की रिपोर्ट के बाद से उनकी कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट आई। इस वजह से दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में नीचे चले गए हैं। वह सोमवार को ब्लूमबर्ग बिलिनेयर लिस्ट में वह खिसककर 25वें पायदान पर पहुंच गए हैं।