खाद्य प्रशंस्करण एवं बीज उत्पादन तकनीक पर विस्तृत चर्चा

प्रयागराज।अखिल भारतीय सरदार पटेल सेवा संस्थान अलोपीबांग परिसर में बुधवार को 09 दिवसीय विराट किसान मेला 2023 के अष्टम दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कीं अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरि जी द्वारा की गयी। विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक प्रयागराज, सुभाष मौर्य, जिला कृषि अधिकारी, मुकेश कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, गौरव प्रकाश, भूमि संरक्षण अधिकारी विश्व प्रकाश श्रीवासतव, प्रभारी खाद्य प्रसंकरण, विभाग, प्रयागराज एवं श्रीमती निमिशा नटराजन, कृषि वैज्ञानिक, के0वी0के0 नैनी, मनीष केशरवानी, कृषि वैज्ञानिक, डा0 टी0डी0 मिश्रा कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी, डा0 एम0पी0 सिंह0 कृषि वैज्ञानिक छाता प्रयागराज उपस्थित रहे।उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अंतराष्ट्रीय मिलेटस वर्ष के बारे में बताते हुए कृषकों को मोटे अनाजों  की खेती करने को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज  खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा का  भी कार्य करते हैं। किसानों को मोटे अनाजों की खेती करके अपनी आमदनी दोगुनी करनी चाहिए। जनपद  बीज  विधायन  हेतु  अब  तक  5  संयत्र विभागीय  अनुदान  द्वारा स्थापित किये गये हैं जो बीज उत्पादन का कार्य कर  रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जनपद के मुख्य विकास अधिकारी, शिपू गिरि ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसमें ज्यादातर लोगों की आजीविका कृषि पर निर्भर है। वर्तमान में समय के साथ-साथ कृषि में नई-नई चुनौतियां भी उभर रही हैं जिनसे उबरने के लिये किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से जलवायु अनुकूल खेती करनी चाहिए। किसानों को परम्परागत यूरिया के स्थान पर अब नैनों यूरिया का इस्तेमाल करना चाहिए। देश की जी0डी0पी0 में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। किसानों के सभी समस्याओं के निदान हेतु प्रशासन तत्पर रहता है। बीज उत्पादन तकनीक पर चर्चा करते हुए शुआट्श संस्थान नैनी से आये कृषि वैज्ञानिक डा0 टी0डी0 मिश्रा ने कृषकों को अनाज उत्पादन के साथ साथ बीज उत्पादन कोे लाभकारी बताया। बताया गया कि किसानों को हमेशा प्रमाणित एवं आधारीय,, बीजों का प्रयोग करना करना चाहिए। किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन के लिये पंक्तियों में बुआई करनी चाहिए। किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त बीज हेतु बाजार पर निर्भरता कम करते हुए स्वयं बीज उत्पादन करना चाहिए इससे किसानों की लागत कम होगी और आमदनी बढेगी। एम0पी0 सिंह, के0वी0के0 छाता प्रयागराज के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों को सहभागी बीज उत्पादन, बीज ग्राम, योजना, बीज उत्पादन योजना में कृषकों को सम्मिलित होने हेतु प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि बीज उत्पादन करने से किसानों की आमदनी लगभग 20 प्रतिशत बढ़ जाती है। प्रजनक बीज, आधारीय बीज, रिसर्च बीज, प्रमाणित बीजों पर लगने वाले टैग के रंग के बारे में विस्तार से कृषकों को बताया गया। कृषि उत्पादों के गुणवत्ता सवंर्धन पर जानकारी देते हुए शुआट्स संस्थान से आये डा0 मनीष केसरवानी ने कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के विभिन्न तरीके बताये। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, किसान क्लबों को खाद्यान्नों के विभिन्न उप उत्पादों जैसे सूजी बनाना, मैदा बनाना, तथा विभिन्न प्रकार के फलों से जैम, जेली, अचार, मुरब्बा, बनाने एवं उसके विपणन के बारे में विस्तार से बताया गया। श्रीमती निमिशा नटराजन कृषि वैज्ञानिक, के0वी0के0 नैनी प्रयागराज द्वारा मिलेट्स पर परिचर्चा करते हुए बताया गया कि मोटे अनाज स्वास्थ्य के लाभप्रद हैं। किसान मेहनत करते हैं इसलिये किसानों को स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिये हरी सब्जियों, रेसेदार सलाद आदि का प्रयोग भोजन में किसान भाई अवश्य करें।सुभाष मौर्य, जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त करने हेतु विपणन प्रक्रिया की तरफ ध्यान आकृष्ठ करते हुए कृषकों को जानकारी दी गयी कि कृषक भाई पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि की व्यवस्था करके उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होती है।आज के कार्यक्रम में कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा कृषकों की जानकारी के लिये 60 स्टाल लगाये गये तथा लगभग 1600 कृषकों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा शिपू गिरि, मूुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह् भेंट किया गया।कार्यक्रम का संचालन इंदिरा कान्त पाण्डेय, पूर्व उप परियोजना निदेशक, आत्मा प्रयागराज द्वारा किया गया।जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा उप कृषि निदेशक, प्रयागराज की अनुमति से कृषकों, अधिकारियों एवं मीडिया सेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गयी।