वाराणसी। केंद्रीय जेल, वाराणसी के 300 जेल कैदियों के लिए समर्थ योजना के तहत रेशम हथकरघा बुनाई और रंगाई योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत कैदी जेल के अंदर अपने सजा की समय सीमा के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह प्रशिक्षण सजा समाप्ति के बाद उनके जीवन को बेहतर बनाने में कारगर साबित होगा। जेल परिसर में इस योजना के उद्घाटन के मौके पर रजित रंजन ओखंडियार, सदस्य सचिव, केंद्रीय रेशम बोर्ड, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि जेल के अंदर ऐसे कार्यक्रम शुरुआत का मकसद सामाजिक सुधार की प्रक्रिया को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए सामाजिक सुधार एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थायी आजीविका के साथ गरिमापूर्ण जीवन के लिए आगे बढ़ने का मार्ग साबित होगा।वैज्ञानिक और नोडल अधिकारी समर्थ योजना डॉ. सिद्दीकी अहमद ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए देश भर में केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यह योजना लागू की गई है। कार्यक्रम में डॉ. पी थेनारासू, निदेशक, आईआईएचटी, सूबेदार यादव, वरिष्ठ अधीक्षक, केंद्रीय जेल, वैभव कपूर, उपाध्यक्ष, रेशम व्यापार संघ सहित अन्य अधिकारी व हितकारक उपस्थित थे।
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