फतेहपुर। पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अयोध्या पाल के विरुद्ध 2017 में धोखाधड़ी एव एव रुपये हड़पने को लेकर दर्ज हुए मामले में जनपद की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व मंत्री को अंतरिम जमानत देते हुए बड़ी राहत प्रदान की। जमानत मिलने के बाद पूर्व मंत्री समर्थको ने इसे न्याय की बड़ी जीत करार दिया।वर्ष 2017 में शहर के कलेक्ट्रेट रोड स्थित पूर्व मंत्री के स्वामित्त्व वाले मंगलम मैरिज हाल के संचालन को लेकर दूसरे पक्ष से करार हुआ था। मैरज हाल संचालन के एवज में बाकायदा 50 लाख रुपये भी पूर्व मंत्री अयोध्या पाल को एडवांस में दिए जाने की बात कही जा रही है। बाद में पूर्व मंत्री द्वारा डील से मुकर जाने व पैसा न वापस किये जाने को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गये। इस पर दूसरे पक्ष की ओर से महमूद अहमद पुत्र स्व सईद अहमद द्वारा पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, राजकुमार पाल, अजय पाल, ओमदत्त पाल के विरुद्ध 419, 420, 406, 506 आईपीसी में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पूर्व मंत्री के विरुद्ध 82 सीआरपीसी कुर्की की कार्रवाई भी हो चुकी थी एवं गैर जमानती वारंट भी जारी था। खुद पर गिरफ्तारी की लटकती तलवार देखकर पूर्व मंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी थी जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने एवं अंतरिम जमानत देने के लिये निर्देशित किया था। साथ ही एनबीडब्ल्यू पर भी स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप एमपी एमएलए कोर्ट में पूर्व मंत्री एव भाजपा नेता की अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए बड़ी राहत प्रदान की। पूर्व मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तारिक फरीदी शाश्वत गर्ग, सुखपाल पासवान एवं वादी महमूद अहमद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार ने जोरदार पैरवी की। जमानत मिलने के बाद अदालत से बाहर खड़े पूर्व मंत्री समर्थकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे न्याय की बड़ी जीत बताया।
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