न्यास की आश मे बैठे दिव्यांग को अनशन स्थल से पुलिस ने उठाया

बांदा। नरैनी कस्बे मे बीते दिनो हुए एक दिव्यांग व विधायक प्रतिनिधि व उसके साथियों द्वारा की गयी मारपीट के मामले पर स्थानीय पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते पीड़ित दिव्यांग व उसका परिवार कस्बे से निकलकर जिला मुख्यालय के कचेहरी स्थित अशोक लाट मे न्याय पाने के लिए अनशन पर बीती 7 फरवरी से बैठे हुए थे। शुक्रवार को दोपहर के समय इस प्रकरण को लेकर अनशन स्थल पर पहुंची अचानक नरैनी थाना पुलिस ने अनशनकारी दिव्यांग बुद्धविलाश तिवारी व उमेश तिवारी को जबरन पुलिस की गाड़ी मे ले गये। इस बीच दिव्यांग की पत्नी प्रमिला देवी ने पुलिस का जबरदस्त विरोध किया और दहाड़ मारकर रोती रही। प्रमिला देवी को अनशन स्थल से बाहर न जाने देने के लिए दो महिला पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। दिव्यांग पीड़ित बुद्धविलास व पत्नी प्रमिला का आरोप है कि इस तरह की पुलिस की बर्बरता कभी देखने को नही मिली इसके पीछे नरैनी विधायिका के दबाव मे इस तरह का कृत्य किया गया है क्योंकि मारपीट करने वाला व गाली गलौज करने वाला नरैनी विधायिका का प्रतिनिधि व उसके साथी हैं। पीड़िता का आरोप है कि यही वजह है कि नरैनी से लेकर मण्डल मुख्यालय तक न्याय नही मिल सका। इसके बदले उसे केवल अपमानित करने के अलावा पति के विरूद्ध फर्जी मुकदमा भी लिखवा दिया गया। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के बुंदेलखण्ड प्रभारी श्यामबाबू तिवारी सहित कई अन्य लोगों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर पीड़ित विकलांग के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। इन्होने कहा कि यदि दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के अलावा आरोपियों के विरूद्ध 24 घण्टे के अन्दर कार्रवाई नही हुयी तो विकलांग पार्टी 11 फरवरी से आंदोलन के लिए मजबूर होगी जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।