नई दिल्ली । कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल होने वाले काढ़े, एंटीबायोटिक्स और विटामिन की गोलियों के ज्यादा सेवन से कब्ज, फीसर और बवासीर जैसी बिमारियों के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों ने एक और चौकानें वाली बात का खुलासा किया है। प्रोक्टोलॉजी यूनिट हीलिंग हैंड्स क्लिनिक के प्रोक्टोलॉजिस्ट अश्विन पोरवाल ने बताया कि, 10 अप्रैल से 20 मई के बीच गुदा फीसर वाले 481 लोगों के मामले सामने आए है। इसमें या तो अत्यधिक संदिग्ध केस आए है या कोविड -19 के रोगी शामिल है।इस दौरान, 223 गैर-कोविड लोगों में गुदा फिशर के केस सामने आए है। पोरवाल ने आगे बताया कि, जांच से पता चला कि लगभग सभी 481 लोगों ने दवाइयों के अलावा कोविड के लक्षणों को दूर करने या ठीक करने के लिए काढ़े, विटामिन और एंटीबायोटिक गोलियों का अधिक सेवन किया है। आपको बता दें कि काढ़े के अदिक सेवन से हाइपरएसिडिटी, जलन और पेट और आंत में तीव्र दर्द जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इससे दस्त या कब्ज भी हो सकता है और इन्ही कब्ज, दस्त और गैसों से फिशर भी हो सकता है। अन्य डॉक्टरों ने भी इन मामलों की पुष्टि की है।चिकित्सक अक्षय सोनोन ने कहा कि, हम मुख्य रूप से उन रोगियों में गुदा फिसर वाले रोगियों के मामले देख रहे हैं, जिनका हाल ही में गंभीर कोविड का इलाज हुआ है, अब तक 1,000 से अधिक कोविड -19 रोगियों का इलाज कर चुके हैं। वहीं सर्जन परेश गांधी ने कहा कि, मैं पिछले 3-4 हफ्तों में कोविड के साथ प्रति दिन औसतन 5-6 रोगियों को फिसर के मामले में देख रहा हूं।
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