लखनऊ।सिटी मोन्टेसरी स्कूल के नवनिर्मित प्रधान कार्यालय में आज आटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेशन (एईडी) मशीन का उद्घाटन व प्रदर्शन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ के कार्डियोलाजी विभाग के हेड प्रो. आदित्य कपूर ने सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पधारकर एईडी मशीन का शुभारम्भ किया एवं इसके उद्देश्य, उपयोग व परिचालन सम्बन्धी विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी व डा. भारती गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट एवं एम.डी., प्रो. गीता गाँधी किंगडन, सी.एम.एस. के टेक्निकल एडवाइजर श्री विनय गाँधी समेत सी.एम.एस. के वरिष्ठ अधिकारीगण, शिक्षक व कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने एईडी मशीन को उपयोग करने के तौर-तरीकों का सजीव प्रदर्शन देखकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की।एईडी मशीन का प्रदर्शन करते हुए डा. कपूर ने कहा कि एईडी मशीन हृदयाघात के मरीजों के लिए रामबाण है। कार्डिएक अरेस्ट उम्र का भेदभाव किये बिना कभी भी किसी को भी हो सकता है, ऐसे विषयों में जागरूकता बहुत जरूरी है। इस अवसर पर डा कपूर ने सी.एम.एस. कार्यकर्ताओं को सी.पी.आर. यानि कार्डियो पलमोनेरी रेससिटेशन का सही तरीका भी समझाया। उन्होंने आगे कहा कि आकस्मिक हृदयाघात वाले मरीजों को समुचित मेडिकल सहायता उपलब्ध होने तक सी.पी.आर. के माध्यम से सुरक्षित किया जा सकता है। और यदि सी.पी.आर. कारगर न हो, तब ऐसी स्थिति में एईडी मशीन निश्चित रूप से मरीज की जान बचाने में बहुत मददगार है। डा. कपूर ने सलाह दी कि इस मशीन को प्रत्येक विद्यालय, कार्यालय, माल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डो व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाना अत्यन्त उपयोगी है।सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि सी.एम.एस. सदैव अपने छात्रों, शिक्षकों व कार्यकर्ताओं के अच्छे स्वास्थ्य के प्रति बेहद संवेदनशील है। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी व डा. भारती गाँधी ने डा. कपूर को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया एवं सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट एवं एम.डी., प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने डा. कपूर का आभार व्यक्त किया।सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि ‘सडन कार्डिएक अरेस्ट’ की स्थिति में जरूरी उपायों के लिहाज से सी.एम.एस. प्रबन्धन ने प्रधान कार्यालय व सभी कैम्पसों में एईडी मशीन लगाने का निर्णय लिया है। एईडी – आटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेशन मशीन एक पोर्टेबल इलेक्ट्रानिक उपकरण है जो कि घातक अनियमित दिल की धड़कन तथा स्पंदनरहित या तीव्र गति से चलने वाली धड़कन को पहचान लेता है और यह दिल के दौरे से पीड़ित मरीज का इलाज करने में सक्षम है। इसमें पैड की मदद से मरीज में बिजली प्रवाहित करके दिल की धड़कन को सामान्य करने की प्रक्रिया की जाती है। हृदयाघात के मामलों में किसी भी व्यक्ति द्वारा इस मशीन को आसानी से आडियो-विजुअल निर्देश देकर प्राथमिक उपचार किया जा सकता है।
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