नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 30 लाख टन गेहूं बेचने की अनुमति फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया को दी है। फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने पहले दिन ही 900000 टन गेहूं टेंडर के माध्यम से विक्रय किया है। 1100 से अधिक निजी कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था।महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकारी एजेंसियों और आटा मिलों को प्राथमिकता के आधार पर यह गेहूं दिया गया है। भारतीय खाद्य निगम ने सरकारी एजेंसियों जिसमें केंद्रीय भंडार नेफेड और एनसीसीएफ को गेहूं का आवंटन 2350 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किया है। इससे तैयार आटे का अधिकतम मूल्य 29. 50 पैसे प्रति किलो निर्धारित किया गया है।22 राज्यों में जो गेहूं बेचा गया है। उसका आधार मूल्य 2600से लेकर 2700 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। एफसीआई के पास पर्याप्त मात्रा में गेहूं का स्टॉक है। अगले 2 महीने तक एफसीआई हर सप्ताह बुधवार को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से गेहूं का विक्रय करेगी। मार्च के दूसरे सप्ताह से गुजरात राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में नए गेहूं की आवक शुरू हो जाती है। उसके पहले एफसीआई पिछले साल के स्टॉक का गेहूं खुले बाजार में निकालने की प्रक्रिया में है।
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