कीव। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हुए करीब 11 माह गुजर चुके हैं। यूक्रेन अब भी अपने चार राज्यों को रूस से वापस नहीं ले सका है। ऐसे में रूस को पीछे धकेलने के लिए यूक्रेन ने अपने सहयोगी देशों से बड़ी संख्या में अत्याधुनिक टैंकों की मांग की है। रूसी सेना की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि कीव को यह तय करने के लिए सहयोगियों की आवश्यकता है कि क्या वे रूस के खिलाफ देश की रक्षा को मजबूत करने के लिए आधुनिक टैंक वितरित करेंगे।वहीं यूक्रेन की आधुनिक टैंक की मांग को देखते हुए अमेरिका और जर्मनी ने अपने कुछ टैंक भेजने के संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार जर्मनी यूक्रेन को लेपर्ड 2 टैंक भेजेगा जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका अब्राम टैंकों की आपूर्ति कर सकता है। हालांकि ज़ेलेंस्की ने कहा कि मुद्दा 5 10 या 15 टैंकों का नहीं है क्योंकि यूक्रेन की ज़रूरतें अधिक हैं। जेलेंस्की ने अपने रात के वीडियो संबोधन में कहा कि टैंक की जरूरतों की इस चर्चा को निर्णयों के साथ समाप्त किया जाना चाहिए।रूस के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा को वास्तविक रूप से मजबूत करने पर निर्णय लेना होगा। उन्होंने बताया कि सहयोगियों के पास आवश्यक संख्या में टैंक हैं। गौरतलब है कि युद्ध शुरू होने के बाद से ही जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ऐसे बड़े निर्णयों को लेने से बच रहे हैं जो रूस को युद्ध तेज करने के लिए प्रेरित कर सकते हों। जर्मनी का मानना है कि ऐसे कदम रूस से नाटो के टकराव को नजदीक ला सकते हैं।यूक्रेन टैंक की मांग इसलिए भी कर रहा है क्यूंकि उसका मानना है कि रूस आक्रामकता के साथ हमला करने की नई योजना बना रहा है जिसके संकेत यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में पहले से ही दिखाई दे रहे हैं। ज़ेलेंस्की ने बताया कि रूसी सेना पहले से ही बखमुत और वुहलेदार और अन्य जगहों पर अपनी बढ़त बना चुकी है। आपको बता दें कि बखमुत के पूर्वी शहर के आसपास लड़ाई हाल के हफ्तों में तेज हो गई है रूस ने वहां अपने अभियान में कई सफलताओं का दावा किया है।
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