नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी और अन्य राज्यों से की गई खरीद के कारण पिछले आठ सालों में मात्रा और मूल्य के लिहाज से गेहूं और धान की खरीद में काफी वृद्धि की गई है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अधिक मात्रा में गेहूं और धान की खरीद के कारण एमएसपी के दायरे में आने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। खाद्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सुबोध सिंह ने कहा विपणन सत्र 2013-14 और 2021-22 के बीच गेहूं और धान की केंद्रीय खरीद में काफी वृद्धि हुई है। खरीद का आधार व्यापक हो गया है और हम अब अधिक राज्यों से अनाज खरीद रहे हैं। एमएसपी में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश असम और त्रिपुरा में खरीद हो रही है उन्होंने कहा एफसीआई ने राजस्थान से धान खरीदना शुरू कर दिया है। वर्ष 2013-14 से गेहूं और धान का उत्पादन भी बढ़ा है। गेहूं के मामले में खरीद वर्ष 2013-14 के 250.72 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 433.44 लाख टन हो गई। खरीदे गए गेहूं का मूल्य 33847 करोड़ रुपए से बढ़कर 85604 करोड़ रुपए हो गया। सिंह ने कहा कि वर्ष 2016-17 में 20.47 लाख किसानों के मुकाबले वर्ष 2021-22 में गेहूं उगाने वाले 49.2 लाख किसान लाभान्वित हुए। वर्ष 2016-17 से पहले लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 2125 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है जो वर्ष 2013-14 के 1350 रुपए प्रति क्विंटल से 57 प्रतिशत अधिक है। धान के मामले में एमएसपी वर्ष 2013-14 के 1345 रुपए प्रति क्विंटल की तुलना में लगभग 53 प्रतिशत बढ़कर 2060 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) में धान की खरीद वर्ष 2013-14 के 475.30 लाख टन से बढ़कर 857 लाख टन हो गई है। विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान धान किसानों को भुगतान किया गया एमएसपी मूल्य पहले के लगभग 64000 करोड़ रुपए से बढकर लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपए हो गया है। सिंह ने कहा कि गेहूं और धान के अलावा केंद्र ने राज्यों से मोटा अनाज खरीदने और इसे वितरित करने को कहा है और आश्वासन दिया है कि वह लागत वहन करेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में नौ राज्य मोटे अनाज खरीद रहे हैं -जिसमें हरियाणा कर्नाटक महाराष्ट्र मध्य प्रदेश ओडिशा उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मक्का बाजरा ज्वार और रागी को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। सिंह ने कहा कि मोटे अनाज की खरीद वर्ष 2022-23 में बढ़कर लगभग 9.5 लाख टन होने की उम्मीद है जो पिछले वर्ष लगभग 6.5 लाख टन थी।
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