बागै नदी की बीच जलधारा से किया जा रहा खनन

बांदा। ओरन क्षेत्र के अन्तर्गत बबेरू तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत इटवा से बह रही बागे नदी से खेती बाड़ी के लिए गरीब लोगों को सरकार द्वारा पट्टा दिया गया था, जो कि इन पट्टा धारकों से पूर्व में सोची समझी रणनीति के तहत माफियाओं ने सांठगांठ कर खनन करने के लिए जमीन खरीद ली। बागे नदी में इनकी जमीन के बगल में सरकारी जमीन में अधिक बालू होने के कारण बालू माफियाओं ने खनन का खनिज विभाग से पट्टा करवा लिया, खनन पट्टे की पैमाइश तक नहीं करवाई गई। वहीं खनन का कार्य के लिए नौ बीघे का खनन का पट्टा दिया गया है, लेकिन बालू माफिया खनिज व राजस्व विभाग की मिलीभगत से नौ बीघे से अधिक क्षेत्रफल में खनन कर रहे हैं। वहीं इनके खनन पट्टा के बगल में स्थित सरकारी जमीन व निजी जमीन से तथा नदी की बीच जलधारा में पोकलैंड मशीनों से अवैध तरीके से खनन कार्य रात दिन किया जा रहा है। वहीं भाजपा नेता व समाजसेवी मार्तण्ड प्रताप द्विवेदी ने मुख्यमंत्री व खनिज विभाग को लखनऊ शिकायत भेजते हुए कहा कि तहसील बबेरू के ग्राम इटवां में बागे नदी नौ बीघे खनन पट्टा की जगह से बालू न निकालकर 20 बीघा से अधिक रकबे में खनन कार्य किया जा रहा है। वहीं खनन पट्टा की जगह खनन न करके दूसरी जगह खनन कार्य व नदी की बीच जलधारा से पोकलैंड मशीन से खनन किया जा रहा है। वहीं खनिज विभाग के अधिकारियों के मौके में जाने के पहले सूचना दे जाती जिससे मशीनों हटा लिया जाता है। वहीं उनको मोटी रकम पकड़ाकर चलता कर दिया जाता है। यही हाल राजस्व विभाग का भी है। इस खनन की शीर्ष अधिकारियों की कमेटी गठित कर जांच करवाकर अन्य जगह से ली गई अवैध तरीके से मौरंग की रिकवरी करवाई जाए। जिससे दोबारा बालू ठेकेदार नदी व प्राकृतिक संपदा को हानि न पहुंचा सके। इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि वह छुट्टी पर हैं, खनिज इंस्पेक्टर नये आये हैं, भेजकर जांच करवाई जाएगी। वहीं एक हफ्ते पहले खनिज इंस्पेक्टर ने मौका मुआयना किया था, तब खनिज रिपोर्ट आने की बात कर रहे थे।