सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन के कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरी के नेतृत्व में दर्जनों प्रधानों द्वारा अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि एसडीएम ओसी को सौंपा। कार्यकारिणी प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरी ने बताया कि राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन सोनभद्र द्वारा ग्राम प्रधानों की समस्याओं मनरेगा सामग्री अंश का भुगतान ना होना मुख्यमंत्री द्वारा 15 दिसंबर 2021 को की गई घोषणा के क्रम में 22 सितंबर 2022 को जारी शासनादेश का अनुपालन ना होना ग्राम पंचायतों में मनरेगा ऐप द्वारा लेबरों की हाजिरी लगाना एवं ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण किए बिना उनको नगरपालिका परिषद तथा नगर पंचायतों में सम्मिलित किए जाने सहित 12 सूत्रिय मांगो को लेकर पूरे प्रदेश में धरना एवं प्रदर्शन के माध्यम से सभी जिला मुख्यालयों पर ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया जा रहा है जिस के क्रम में 19 जनवरी को जनपद सोनभद्र में जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी को 12 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया।जिला अधिकारी कार्यालय पर उपस्थित ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गोपीनाथ गिरि ने कहा कि पूरे प्रदेश में वर्तमान वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है किंतु ग्राम स्वराज का सपना अभी भी अधूरा हैैै। ग्राम पंचायतों को स्वतंत्र इकाई का दर्जा पंचायती राज एक्ट में प्राप्त है किंतु ग्राम पंचायतें ना तो स्वतंत्र रूप से अपनी कार्य बना पाती है ना ही उस पर कोई कार्य कर पा रही हैं ग्राम पंचायतों में सभी कार्य ऊपर के आदेशों के अधीन हो रहे हैं इसके बावजूद भी भुगतान की समस्या लंबित है 6 महीने से अधिक हो गया कार्य कराने के बावजूद अभी तक कोई भुगतान नहीं मिल पाया जिसके कारण ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य बंद होने की कगार पर हो गया है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा 15 दिसंबर 2021 को लखनऊ में पूरे प्रदेश के 58000 ग्राम प्रधानों के सम्मेलन में यह घोषणा की थी की मनरेगा में भी राज्य वित्त एवं केंद्रीय वित्त आयोग द्वारा भेजी जा रही धन राशि के तरह ग्राम पंचायतों को 500000 पांच लाख रुपया तक के कार्य के प्रशासनिक एवं वितीय स्वकृति का अधिकार दिया जाएगा तथा भुगतान भी ग्राम पंचायतों द्वारा डोंगल लगाकर किया जाएगा किंतु आज तक किसी आदेश का परिपालन नहीं हो सका। 2021 में चुनी हुई ग्राम पंचायतों को भी बिना कार्यकाल पूर्ण किए जबरजस्ती नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में सम्मिलित करके ग्राम पंचायतों को भंग करना ऐसा पहली बार उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इस आदेश को तत्काल वापस किया जाय।इस दौरान जिलाध्यक्ष लक्ष्मी जयसवाल ने कहां की मनरेगा का भुगतान तो हुआ नहीं बल्कि मजदूरों की हाजिरी मोबाइल ऐप से लगाने का निर्देश भी आ गया है जबकि जनपद में अधिकांश ग्राम पंचायत में नेटवर्क की समस्या अभी भी बनी हुई है प्रधानों को सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है प्रधानों के पास सीमित मात्रा में राज्य वित्त का पैसा आता है किंतु उसी राज्य वित्त से ग्राम प्रधानों की मानदेय पंचायत सहायकों की मानदेय बिजली बिल सामुदायिक शौचालय कर्मी की मानदेय इत्यादि खर्च जुड़ जाने से ग्राम पंचायतो में कोई भी विकास कार्य नहीं हो पा रहा है उल्टे ग्राम प्रधानों का शोषण जारी है।मंडल उपाध्यक्ष मीरजापुर एवं जिला प्रभारी सोनभद्र मोहन पांडे द्वारा कहां गया कि यदि सोनभद्र में ग्राम प्रधानों का शोषण बंद नहीं किया गया तो अब ग्राम प्रधान इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारी महोदय से निवेदन किया कि जनपद में प्रधानों के उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस मौके पर संतोष पासवान, लालू यादव, नंदलाल मौर्या, एवं सुनिता देवी सभी जिला उपाध्यक्ष, जुबेर अहमद, अमित कुमार केसरी रामप्रताप सभी जिला महासचिव व आनंद पटेल ब्लॉक अध्यक्ष राबर्ट्सगंज, नीरज सिंह ब्लॉक अध्यक्ष चतरा वीरेंद्र प्रताप सिंह ब्लॉक अध्यक्ष घोरावल राम सजीवन ब्लॉक अध्यक्ष चोपन सुजीत यादव ब्लॉक अध्यक्ष कोन दिनेश यादव ब्लॉक अध्यक्ष दुद्धी विजय कुमार यादव ब्लॉक अध्यक्ष बमनी, मुन्ना मौर्या ब्लाक अध्यक्ष करमा सूर्य प्रताप प्रतिनिधि ब्लॉक अध्यक्ष नगवा अनिल मिश्राला प्रभारी चतरा राजेश कुमार एडवोकेट ब्लाक उपाध्यक्ष राबर्ट्सगंज सतीश जायसवाल ब्लाक प्रभारी नगवा सैकड़ों ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।
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