देवरिया।मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार द्वारा जल जीवन मिशन के योजनाओं की गुगलमीट के माध्यम से समीक्षा की गयी, जिसमें अधिशासी अभियन्ता जल निगम (ग्रामीण) द्वारा अवगत कराया गया कि मे० एल०सी० इन्फ्रा प्रा0लि0 249 नग परियोजनाओं का कार्य प्रारम्भ करा दिया है, जिसमें पम्प हाऊस 132 नग, शिरोपरि जलाशय 146 नग का कार्य प्रगति पर है. 1096.00 कि०मी० पाइप लाइन ग्राम पंचायतों में डाल दी गयी है व FHTC 52985 नग कनेक्शन कर दिये गये है, मे० गायत्री प्रोजेक्ट लि0 द्वारा 196 नग परियोजना का कार्य प्रारम्भ कराया गया है, जिसमें पम्प हाऊस 97 नग, शिरोपरि जलाशय 59नग का कार्य प्रगति पर है, 985.00 कि०मी० पाइप लाइन ग्राम पंचायतों में डाल दी गयी है व FHTC 48150 नग कनेक्शन कर दिये गये हैं एव मे0 रित्विक कोया द्वारा निर्धारित लक्ष्य 260 ग्राम पंचायत के सापेक्ष मात्र 167 डी०पी०आर० बनाये गये हूँ। तीनों फर्मों को निर्देशित किया गया कि समस्त SLSSC से स्वीकृत DPR का Cover Agreement करायें एवं जितनी योजनाओं के Cover Agreement पूर्ण हो चुके हैं उन पर कार्य कराना सुनिश्चित करें। रित्विक कोया को वर्तमान तक 18 भूमि उपलब्ध न होने पर फर्म के प्रोजेक्ट मैनेजर भानु प्रसाद रेड्डी को डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर DPMU के साथ उप जिलाधिकारियों से सम्पर्क स्थापित करते हुए भूमि की उपलब्धता बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया एवं उपलब्ध भूमि की DPR एक सप्ताह के अन्दर तैयार कराकर DWSM कराने के निर्देश दिये गये। साथ ही FHTC की प्रगति धीमी होने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। निर्देश दिये गये कि मे० एली०सी० इन्फ्रा प्रा०लि० को 5.00 कि०मी० पाइप लाइन बिछाने एवं FHTC 5000 नग कराने व मे० गायत्री प्राजेक्ट लि0 5.00 कि०मी० पाइप लाइन बिछाने एवं FHTC 5000 नग प्रतिदिन करना अनिवार्य है। यह भी निर्देश दिया गया कि मे० एल०सी० इन्फ्रा प्रा०लि० को पूर्व के अतिरिक्त 5 परियोजनाएं व मे0 गायत्री प्रोजेक्ट लि0 को 5 परियोजनाएं 31 जनवरी, 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया है। कार्य स्थल पर मुख्यतः शिरोपरि जलाशय के निर्माण के दौरान सेफ्टीनेट व अन्य मानव सुरक्षा उपकरणों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए ही कार्य कराये जाये। कार्य स्थल पर पाइप लाइन बिछाने के दौरान रोड कटिंग के पुर्नस्थापन का कार्य पाइप लाइन की टेस्टिंग के उपरान्त अतिशीघ्र करा दिया जाये। कार्य स्थल पर तराई की उचित व्यवस्था न पाये जाने एवं कार्य की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पडने पर नाराजगी व्यक्त की गयी निर्माण कार्य की धीमी प्रगति होने के कारण तीनों फर्मों को अधिशासी अभियन्ता जल निगम (ग्रामीण) द्वारा नोटिस देने के निर्देश दिये गये।
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