डॉक्टरों के अनुसार, पेट में तरल पदार्थ का जमा हो जाना लीवर डैमेज का संकेत हो सकता है

लखनऊ।जब पेट में द्रव का निर्माण होता है और उससे व्यक्ति को परेशानी होती है तो इस बीमारी को एसाइटिस (जलोदर) कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो सिरोसिस के कारण होती है। सिरोसिस एक लीवर से सम्बंधित बीमारी है। जब लंबे समय तक लीवर डैमेज रहता है तो सिरोसिस- लीवर फाइब्रोसिस होता है। इस बीमारी में टिश्यू में घाव होने से लीवर ढंग से अपना काम नहीं कर पाता है जिसे वजह से एस्किट्स (जलोदर) की बीमारी हो जाती है। सरल शब्दों में समझा जाए तो एसाइटिस (जलोदर) तब होता है जब आपके पेट में बहुत ज्यादा तरल पदार्थ जमा हो जाता हैं। लखनऊ के रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों के मुताबिक टियर 2 और टियर 3 शहरों में यह बीमारी होना काफी सामान्य है और लोगों को पता ही नहीं है कि यह बीमारी कितनी गंभीर हो सकती है। इससे जान भी जा सकती है।लीवर की बीमारी ने भारत में अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। यह बीमारी भारत में महामारी की तरह तेजी से फैल रही है क्योंकि हर पांच में से एक वयस्क इससे पीड़ित हो रहा है। भारत में लीवर से संबंधित मौतें हर साल 268,580 (सभी मौतों का 3.17ः) होती है। जोकि एक चैंकाने वाला आंकड़ा है। पूरी दुनिया में हर साल लीवर की बीमारी से 2 मिलियन मौते होती हैं जिसमे भारत का 18.3ः योगदान हैं।रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी कंसल्टेंट, एमडी, डीएम, डॉ प्रवीण झा ने कहा, शहरों और कस्बों में रहने वाले लोग इस बीमारी के लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं। उन्हें यह नहीं पता है कि पेट में तरल पदार्थ का जमा होना लीवर के स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। हमें हर साल लगभग 300 ऐसे केस मिलते हैं। सर्दियों के समय में यह संख्या बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान लोग गर्म रहने के लिए शराब का बहुत ज्यादा दुरुपयोग करने लगते हैं। इस बीमारी में मुश्किल बात यह होती है कि लक्षणों की पहचान कैसे की जाए। मुख्य लक्षणों की बात की जाए तो इसमें पेट का फूल जाना या बहुत बड़ा दिखना शामिल हो सकता है। अन्य लक्षणों में टखनों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ और पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे सूजन, पेट में दर्द, भूख न लगना, अपच और कब्ज होना आदि शामिल हैं। कमर दर्द, बैठने में कठिनाई और थकान भी कुछ अन्य लक्षण हैं।पेरिटोनियम नाम का टिश्यू (ऊतक) की एक शीट होती है जो पेट, आंतों, यकृत और लीवर समेत पेट के अंगों को ढकती है। पेरिटोनियम की दो परतें होती हैं। एसाइटिस तब होता है जब तरल पदार्थ इन्ही दोनो परतों के बीच बनने लगता है या इकठ्ठा हो जाता है।