बांदा। सूबे के जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि भाजपा राजनीतिक सत्ता को व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन और विकास की दौड़ में पिछड़ गए लोगों के उत्थान और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए साधन के रूप में देखती है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में किये गए निर्णय का स्वागत किया। कहा कि न्यायालय के आदेश से समाजवादी पार्टी का षड़यंत्र विफल हो गया है।उन्होंने कहा भाजपा और भाजपा सरकार पिछडे़ वर्ग के साथ ही समाज के सभी वर्गाे के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अपने शासनकाल में सपा-बसपा कांग्रेस ने पिछडे़, दलितों, शोषित, पीड़ित, वंचितों का वोट तो लिया लेकिन इनके लिए कुछ नहीं किया। सपा-बसपा कांग्रेस ने भ्रम फैलाकर इनको छलने का काम किया है। कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछड़ा वर्ग के सहयोग से सत्ता प्राप्त की, लेकिन सत्ता का लाभ सिर्फ सैफई कुनबे तथा उनके कुछ चहेते लोगों तक सीमित रहा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने अप्रत्यक्ष रूप से हाईकोर्ट में रिट दायर करवाकर नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र रचा है। लेकिन सपा अपने षड़यंत्र में सफल नहीं हो सकेगी। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी द्वारा सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट का विरोध सपा के पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का सबसे बड़ा प्रमाण है।उन्होने निकाय चुनावों को लेकर सपा की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अखिलेश यादव के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से रिश्ते किसी से छुपे नहीं है। बिहार सरकार ने पिछडे़ वर्ग के हितों की अनदेखी करते हुए निकाय चुनाव बिना आरक्षण के करा दिये। तब खुद को राष्ट्रीय पार्टी का मुखिया कहने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुप क्यों थे? कहा कि भाजपा की नीति सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास की नीति है। जबकि श्री यादव की नीति अपने परिवार और अपने रिश्तेदारों के विकास तक सीमित है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा तथा कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल झूठ, भ्रम व फरेब की अपनी परम्परागत राजनीति से सत्ता प्राप्त करने के मंसूबे पाले हुए हैं। लेकिन जनता इनकी हकीकत जान चुकी है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर पिछड़ा वर्ग सहित सभी वर्गों के हितों की रक्षा के संकल्प को पूरा किया है। मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए भी आरक्षण को सुनिश्चित किया। इसका ही परिणाम है कि समाज में यह भाव जाग्रत हुआ है कि अत्यंत गरीब पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति भी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से उत्पन्न चुनौतियों से पार पाकर भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है और देश को एक नई ऊंचाई तक ले जा सकता है।
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