टीकाकरण अभियान में समन्वय बनाकर करें काम: जिलाधिकारी

बांदा। खसरा और रूबेला बीमारियों से मासूम बच्चों को बचाने के लिए तीन चरणों में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। गुरुवार को जिलाधिकारी दीपा रंजन ने जिला समन्वय समिति के साथ बैठक की और टीकाकरण के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के हेड काउंट सर्वे एवं टीकाकरण के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा चलाया जाएगा।विशेष टीकाकरण पखवाड़ा आगामी 09 जनवरी से 20 जनवरी, 13 फरवरी से 24 फरवरी और तृतीय अभियान 13 से 24 मार्च तक चलाया जायेगा, जिसमें टीकारोधी बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण अत्यन्त ही प्रभावी है। खसरा और रूबेला जिन्हे एमआर वैक्सीन की दो खुराकों से नियंत्रित किया जा सकता है। 0 से 05 वर्ष आयु तक के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं अन्य ड्यू वैक्सीन दी जानी है। यह अभियान प्रत्येक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 05 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का हेड काउन्ट सर्वे करते हुए आशा कार्यकत्री द्वारा सूचनाओं को ईकवर पोर्टल पर अपडेट किया जायेगा। जिलाधिकारी को बताया गया कि इन तीन महीनों में 01 लाख 94 हजार बच्चों को कवर किया जायेगा। समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी एमओआईसी घर-घर जाकर बच्चों के सिमटम्स के विषय में क्रास चेकिंग करें, जिससे पता चल सके कि आशा व एएनएम द्वारा भली-भांति सर्वे किया जा रहा है कि नही। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि बबेरू, महुआ, नरैनी में तैनात एएनएम को जूम मीटिंग के माध्यम से जोड़ा जाए, जिससे नियमित टीकाकरण की समीक्षा की जा सके। उन्होंने समस्त एमओआईसी को निर्देशित किया कि यदि कोई एएनएम नियमित टीकाकरण सेशन पर अवकाश पर जाती है तो अब एमओआईसी से नही बल्कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी से परमीशन लेनी होगी। उन्होंने आशाओं का समय से भुगतान करने के लिए निर्देशित किया तथा समस्त एमओआईसी को बीएचएनडी डे जरूर देखने के लिए निर्देशित किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि ब्लाक वार महीनेवार टारगेट बनाकर जारी किया जाए और सभी एमओआईसी आशा डायरी डिव लिस्ट सीन करना सुनिश्चित करें तथा सभी सुपरवाइजर सेशन साइट पर सुपरविजन करें और एमओआईसी इसकी क्रास चेकिंग करें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद में छूटे हुए 0 से 05 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को समस्त खुराकों से अच्छादित कर पूर्ण प्रतिरक्षित किये जाने के लिए निर्धारित समय सीमा में रणनीति तैयार कर ली जाए एवं कार्ययोजना बनाकर जनपद में विशेष टीकाकरण अभियान का सफल संचालन सुनिश्चित किया जाए।उन्होंने फाइलेरिया की समीक्षा करते हुए कहा कि जो भी विभागों को जिम्मेदारी दी गई है उसका सभी विभाग पूर्णतः अनुपालन करें और इसका प्रचार-प्रसार करें, जिसकी ज्यादा से ज्यादा लोंगो को जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया कि राशन वितरण के दौरान सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित करें तथा प्रत्येक कोटेदार फाइलेरिया से संबंधित बैनर एवं पोस्टर को अपने गांव की आशा से प्राप्त कर अपनी दुकान पर प्रदर्शित करें और ज्यादा से ज्यादा इसका प्रचार-प्रसार करें तथा शिक्षा विभाग द्वारा दवा खाने योग्य समस्त बच्चों एवं अध्यापकों को स्कूल में ही दवा खाना सुनिश्चित कराएं तथा निबंध प्रतियोगिता एव पेंटिग प्रतियोगिता का आयोजन कराकर जगरूक कराएं। जिला एवं ब्लाक लेवल के अध्यापक व्हाट्सएप ग्रुप में फाइलेरिया से बचाव के लिए वीडियो को शेयर करें, जिससे लोगों में जन-जागरूकता पैदा हो। इसी प्रकार अन्य विभाग भी अपने विभाग से सम्बन्धित कार्य करना सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल श्रीवास्तव, डा. आरएन प्रसाद, डा. संजय सहवाल, डा. मनोज कौशिक, डा. मीनाक्षी, जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार सहित सम्बन्धित डाक्टर्स एवं मेडिकल स्टाफ उपस्थित रहा। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने कहा कि संक्रमण को देखते हुए टीकाकरण को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसमें आशाओं द्वारा चिन्हित किए गए शून्य से पांच साल तक के 1.94 लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि समन्वय बनाकर टीकाकरण अभियान के लिए काम करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि टीका बारह प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित रखता है। पोलियो, काली खांसी, टीबी, हेपिटाइटिस बी, निमोनिया, गला घोटूं, दिमागी बुखार, टिटनेस, हिब, डायरिया जैसी बीमारियों से बचाव करता है। शून्य से दो साल के सभी बच्चों एवं गर्भवती को टीका लगना जरूरी है। फाइलेरिया से बचाव के लिए प्रभावित जिलों में अभियान चलाकर वर्ष में एक बार फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है। फाइलेरिया अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में 1700 टीमें लगाई जाएंगी। 300 सुपरवाइजर टीमों के कार्यों की समीक्षा करेंगे। बैठक में एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद, डा. संजय कुमार शैवाल, डा. अनिल कुमार, डा. मनोज कौशिक व डा. पीएन यादव, जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार, यूनिसेफ के क्षेत्रीय समन्वयक गणेश पांडेय व जिला समन्वयक राहुल सिंह, प्रदीप कुमार सहित सहयोगी विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।