प्रयागराज।बहुमुखी प्रतिभा की धनी कर्णिकानाथ पाण्डेय को पिछले दिनो ‘विद्या’ फ़िल्म के लिए मुम्बई मे ‘गोल्ड एवार्ड’ दिया गया था। कर्णिका अलोपीबाग़, प्रयागराज की निवासी हैं। वे अध्यापिका निशा पाण्डेय और भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की सुपुत्री हैं। कर्णिका की शिक्षा-दीक्षा सेण्ट ऐन्थोनी गर्ल्स इण्टरमीडिएट कॉलेज और इलाहाबाद विश्वविद्यालय मे हुई थी। कर्णिका ने आरम्भ से ही राष्ट्रस्तरीय सर्जनात्मक गतिविधियों और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं मे भाग लेकर कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। उनकी सेण्ट ऐन्थोनी गर्ल्स इण्टर कॉलेज की मेधावी छात्राओं मे गणना की जाती थी। कर्णिका वर्तमान मे एक रेडियो चैनल मे एंकर हैं।उल्लेखनीय है कि ‘विद्या’ फ़िल्म का लेखन, निर्माण तथा प्रभावपूर्ण निर्देशन कानपुर के कलाकार मयंक श्रीवास्तव ने किया है, जिसमे कर्णिका ने संवाद-लेखन और प्रभावकारी अभिनय किया है तथा पार्श्व स्वर भी दिया है। निर्देशक मयंक श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम को ’24 एफ० पी० एस० इण्टरनेशनल एनिमेशन फेस्टिवल’ मे पिछले दिनो ‘बेस्ट डिज़िटल मूवी’ का गोल्ड एवार्ड से मुम्बई मे सम्मानित किया गया। उस फेस्टिवल मे १,५०० से भी अधिक फ़िल्मे शामिल थीं।उस ‘विद्या’ फ़िल्म मे कर्णिका के अतिरिक्त प्रखर मिश्र, ऋतु अरोड़ा तथा आकर्षक सिंह ने अपने शानदार अभिनय से फ़िल्म की पटकथा को जीवन्त कर दिया है। ‘विद्या’ फ़िल्म एक ऐसे पिता की मनोवृत्ति के इर्द-गिर्द घूमती दिख रही है, जिस पर बेटी बोझ बनती दिख रही है और उसका पिता अपनी बच्ची को देखकर उसके विवाह के प्रति चिन्तित रहता है। वह परिवार की महिलाओं की समस्याओं और उनकी इच्छा-अनिच्छा के प्रति उपेक्षित भाव रखता है, फिर जब वह अपनी बेटी का विवाह कर लेता है तब बिलकुल हलका महसूस करता है। फ़िल्म के लेखक और निर्देशक मयंक श्रीवास्तव ने समाज की मानसिकता को अच्छी तरह से समझकर, बारीक़ निर्देशन करते हुए, अपनी कलात्मक प्रतिभा का बहुविध परिचय प्रस्तुत किया है।इस फ़िल्म मे एक प्रकार से महिलाओं के प्रति बूढ़ी और बीमार पुरुषवादी मानसिकता पर कटाक्ष किया गया है।
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