बांदा। आत्मा योजना के तहत शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को किसान सम्मान दिवस के रूप में कृषि विभाग परिसर में मनाया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने फीता काटकर कृषि प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। कृषि सहित विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्आलों का अवलोकन किया गया। इसके बाद स्व. चौधरी चरण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उप कृषि निदेशक ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की कि खेती में विविधीकरण अपनाएं और जैविक खेती पर जोर दें। आने वाला समय जैविक खेती का ही होगा। यहां की मिट्टी की जलधारण क्षमता अधिक नहीं है। इसके लिए वर्षा जल की एक-एक बूंद के संरक्षण के लिए प्रत्येक किसान को खेत तालाब बनाने की आवश्यकता है। जरूरत पड़ने पर फसलों की जीवनदायी सिंचाई की जा सके। समेकित खेती प्रणाली पर जोर देते हुए उनके द्वारा कहा गया कि प्रत्येक विकास खंड में कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विश्वविद्यालय सम्मिलित प्रयास से एक-एक आईएफएस माडल विकसित करें। इससे कि क्षेत्रीय कृषक प्रेरित होकर समेकित खेती की ओर अग्रसर हो सकें। अवगत कराया गया कि बच्चियों एवं जनमानस के लिए शासन की ओर से बहुत सी कलयाणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिनका प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा है, जिसके लिए सभी विभाग मिलकर प्रत्येक माह प्रत्येक विकास खंड में एक आदर्श कैंप का आयोजन कराएं, जिसमें सभी विभाग अपने-अपने विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी सामान्य जनमानस को उपलब्ध कराते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। जनपद में संभावित फसलों महाचिन्नावर, देशी अरहर और कठिया गेहूं के विस्तार के लिए उनकी जीआई मैपिंग कराने के निर्देश दिए।जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने कहा कि देश की प्रगति के लिए किसान का समृद्ध होना आवश्यक है। सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से किसान को सशक्त बनाया जा रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने किसानों से अपील की कि कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह को अवश्य अपनाएं। वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विवि डा. अनिकेत कोल्हापुरे ने समेकित खेती प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। किसानों से अपील की गई कि आईएफएस माडल को अपनाएं, जिससे कि साल भर निरंतर आय प्राप्त होती रहती है और वर्षा जल संचयन पर जोर दिया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आनंद सिंह ने ख्ेाती को आंदोलन के रूप में लेने की सलाह दी। जलवायु परिवर्तन के अनुरूप ढलने के लिए प्रेरित किया गया। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि अन्ना प्रथा खेती के लिए अभिशाप है। लेकिन इसके लिए हम सभी किसान भाई ही जिम्मेदार हैं। सहायक कृषि विकास अधिकारी वीर बहादुर सिंह ने फसल बीमा के संबंध में किसानों को जानकारी दी। जिलाधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष व मुख्य विकास अधिकारी ने जिले में सर्वश्रेष्ठ खरीफ एवं रबी में धान्य एवं दलहन फसलों पर क्राप कटिंग के आधार पर सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करने वलो किसानों को इसी प्रकार उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग एवं मत्स्य विभाग द्वारा चयनित सभी विभागों से चार-चार किसानों को प्रथम एवं चार-चार किसानों को द्वितीय पुरस्कार के लिए चयनित किसानों को अंग वस्त्र व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी तरह प्रत्येक विकास खंड से सभी विभागों से एक-एक किसान को अंग वस्त्र एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी विकास खंडों से लगभग 850 किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post