देवरिया।जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज अपराह्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लार का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्हें कई गंभीर खामियां मिली जिस पर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की और फार्मासिस्ट का वेतन रोकने तथा एमओआईसी से स्पष्टीकरण तलब किया है।जिलाधिकारी आज अपराहन 12:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लार पहुंचे उन्होंने सर्वप्रथम पंजीकरण काउंटर का निरीक्षण किया जिसमें उन्होंने मरीजों एवं उनके तीमारदारों से बातचीत की। लोगों ने स्वास्थ्य केंद्र पर एक्स-रे नहीं होने की शिकायत की। एक महिला ने डीएम को बताया कि उसने 300 रुपये में बाहर से एक्स-रे कराया है। डीएम ने एमओआईसी से सीएचसी पर एक्स-रे नहीं होने के संबन्ध में पूछा तो उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर से एक्स-रे फ़िल्म खत्म हो गई है। डीएम ने तत्काल सीएमओ से बात कर एक्स-रे फ़िल्म भेजने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने दवा वितरण केंद्र का भी निरीक्षण किया। वहां नरौली निवासी रोहित यादव प्रिस्क्रिप्शन लिए दवा प्राप्त कर रहे थे, जिन्हें डॉक्टर ने चार दवा लिखी थी। किन्तु, उन्हें दवा वितरण केंद्र से सिर्फ एक ही दवा मिली। तीन दवा की अनुपलब्धता बतायी गई। एक अन्य रोगी रामनगर निवासी 37 वर्षीय मानवेन्द्र को भी चार दवा लिखी गई थी उन्हें भी सिर्फ एक मिला। इस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और फार्मासिस्ट शैलेंद्र यादव का वेतन रोकने का निर्देश दिया और उनसे स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने कहा कि जनपद में समस्त आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। यदि स्वास्थ्य केंद्र पर दवा की अनुपलब्धता है तो इसे समय रहते मंगा लेना चाहिए। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने पैथोलॉजी किट के संबन्ध में जानकारी ली, जिसमें कई बेसिक टेस्टिंग किट नदारद मिली। टेलीमेडिसिन सेवा कक्ष भी बंद मिला, जिस पर डीएम ने सेवा प्रदाता कंपनी को नोटिस देने एवं उसके दिसंबर माह के समस्त देयकों के भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र में साफ सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मिली कमियों के संदर्भ में जिलाधिकारी ने एमओआईसी से स्पष्टीकरण तलब किया है।जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को निःशुल्क गुणवत्ता युक्त चिकित्सकीय सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है। निरीक्षण के दौरान जो भी कमियां मिली हैं उन्हें शीघ्र ही दूर कर लिया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। इस दौरान एमओआईसी डॉ बीवी सिंह डॉ शालिनी कुमारी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।
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