प्रयागराज।वर्तमान कोविड -१९ महामारी के कठिन दौर में केंद्रीय चिकित्सालय उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज वासियों और विशेष तौर पर उत्तर मध्य रेल के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त कमियों, उनके परिवारिजनों की स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर सुचारु रूप से क्रियान्वित करता रहा है। कोविड -१९ की पहली और दूसरी दोनो लहरों के दौरान इस चिकित्सालय को लेवल -२ चिकित्सालय के रूप में क्रियाशील रखा गया। इस दौरान रेलवे चिकित्सालय में कोविड संबंधी व्यवस्थाओं के साथ ही सामान्य चिकित्सकीय सुविधाओं का निरंतर संचालन किया जाता रहा। इस क्रम में कोविड दौर में भी अप्रैल २०२० से मार्च २०२१ तक में केंद्रीय चिकित्सालय उत्तर मध्य रेलवे में कार्यरत जनरल सर्जन डा संजय द्वारा १२५ मेजर एवं ५६७ माइनर ऑपरेशन किए गए, ज्ञात हो कि, अकेले मार्च २०२१ में इनके द्वारा ३२ मेजर ऑपरेशन किए गए जिसमें २० लेपरोस्कोपी सर्जरी शामिल है। यह पूरे जोन में अपने आप एक रिकॉर्ड है। इसके समानांतर ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डा एस एस नायक द्वारा ह्ड्डी और नसों आदि से जुड़ी समस्याओं के भी १० स्पेशल, ४१ मेजर एवं ४९८ माइनर ऑपरेशन किए गए। इसमें स्पेशल ऑपरेशनों के क्रम में घुटने और कूल्हे के रिप्लेसमेंट जैसे जटिल ऑपरेशन भी शामिल हैं।इन उपलब्धियों को हासिल करने में सी.एम.एस. एवं वरि. सर्जन डा. सुमंत बहल, मेट्रन रुथ सिंह एवं सिस्टर मंजू देवी सोनकर आदि का विशेष योगदान रहा है।ज्ञात हो कि, डा. संजय कुमार, सर्जन, केंद्रीय चिकित्सालय, उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज द्वारा कोराना महामारी संबंधी प्रबंधन में अभूतपूर्व योगदान दिया गया। प्रथम एवं दिवतीय कोराना लहर में केंद्रीय चिकित्सालय, उत्तर मध्य रेलवे में लिनेन का चार्ज उनके पास था। इन्होंने प्रतिदिन कोविड मरीजों के लिनेन को चेंज कराया और किसी भी मरीज के द्वारा लिनेन में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई। कोविड वार्ड में भर्ती रेलवे एवं नान रेलवे मरीजों ने भी लिनेन की साफ सफाई की भरपुर सराहना की। द्वितीय करोना लहर में जब आक्सीजन सप्लाई की जिम्मेदारी डा. एस.एस. नायक, वरि. मंडल चिकित्सा अधिकारी (हड्डी रोग विशेषज्ञ) द्वारा दी गयी तब इन्होंने दिन रात प्रयास करते हुए नैनी आक्सीजन प्लांट में खुद पहुंचकर उत्तर प्रदेश प्रशासनिक अधिकारिओं से बातचीत करके प्रतिदिन १९० से २१० आक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई निर्बाध जारी रखी। कोविड के समय में जब शहर के सभी ओ.पी.डी. बंद थे तब भी रेलवे अस्पताल में सर्जिकल ओ.पी.डी. में मरीजों की देख रेख और ट्रॉमा के मरीजों की भर्ती इनके द्वारा की जा रही थी।डा. संजय कुमार सोशल मीडिया के द्वारा अपने दूर दराज के गांवों व शहर वासियों को कोरोना के बारे में जानकरी व इलाज की सुविधा निरंतर देते रहे इस तरह इन्होंने सैकड़ों लोगों की जान बचाई।इस क्रम में अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी रेलवे चिकित्सालय अग्रणी रहा। कोविड के इलाज के कारण रेलवे चिकित्सालय से बड़ी संख्या में बायो मेडिकल वेस्ट के उतसर्जन की स्थिति आई। इस स्थिति में डा एस एस नायक ने बायो मेडीकल वेस्ट जिसमें पीपीई किट, मास्क एवं अन्य वेस्ट शामिल है, उसके प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान करते हुए १३००० कीलो से अधिक के वेस्ट का निस्तारण नियमानुसार सुनिश्चित किया। इसके अतिरिक्त डा नायक एंबुलेंस, इनडोर प्रबंधन(मानव संसाधन), फीज़ियोथिरेपी, कैज़ुअल्टी आदि का भी सुचारु प्रबंधन सुनिश्चित कर रहे हैं।
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