करारी कौशाम्बी। करारी कस्बे के सोनारन टोला मोहल्ले श्री मद्भागवत कथा में चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया गया। इस दौरान कृष्ण जन्मलीला की झांकी भी निकाली गई। भगवान जन्म के सुमधुर भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।कथाव्यास पंडित पारस नाथ दुबे ने भागवत कथा में बताया कि कंस ने बहन देवकी का विवाह वासुदेव से किया। कंस देवकी को रथ में बैठाकर स्वंय ससुराल छोड़ने जा रहा था। रास्ते में भविष्यवाणी होती है कि देवकी के आठवें पुत्र के हाथों कंस तेरा वध होगा। तभी कंस प्रतिज्ञा करता है कि मैं देवकी के आठवें पुत्र के अवतार लेते ही उसका वध कर दूंगा। लेकिन जब देवकी के आठवें पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण जन्म लेते हैं तब कंस के बंदीगृह में श्रीकृष्ण जी की महिमा तथा माया से सभी दरबान एवं पहरेदारों की नींद लग जाती है। श्रीकृष्ण जी का जन्म होता है। वासुदेव जी कृष्ण जी को यमुना नदी पार करके गोकुल में नंदलाल और यशोदा के यहां छोडने जाते हैं। उस समय बहुत ही मूसलाधार बारिश होती है। यमुना जी में पानी बहुत हो जाता है। लेकिन वासुदेव जी के सिर पर कृष्ण जी विराजमान थे। इसलिए यमुना जी का पानी वासुदेव जी के गर्दन के ऊपर नहीं जाता है और इस तरह कंस का वध करने के लिए श्री कृष्ण जी अवतार लेते हैं। भागवत कथा में बहुत ही आकर्षक श्री कृष्ण जी के जन्म उत्सव की झांकी सजाई गई एवं आकर्षक झूला सजाया गया। भक्तों द्वारा श्री कृष्ण जी का जन्म उत्सव धूमधाम से नाच-गाकर मनाया गया। इस मौके पर सूरजबली चौरसिया, चौरसिया, छोटे लाल चौरसिया, सुभाष चौरसिया, प्रिया चौरसिया, फूलमती चौरसिया आदि लोग मौजूद रहे।
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