पिता बोले कड़ी मेहनत और दुआओं से यहां तक पहुंची है शेफाली

रोहतक। डेब्यू टेस्ट मैच में ही भारतीय टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर शेफाली वर्मा के परिवार में आजकल खुशी का माहौल है। शेफाली के पिता का कहना है कि यह सब उनकी बेटी की कड़ी मेहनत और देश के लोगों की दुआओं की वजह से संभव हुआ है। 17 साल की शैफाली ने इंग्लैंड के खिलाफ हुए एकमात्र टेस्ट मैच में 152 गेंदो में 96 रनों की पारी खेलकर 26 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है।शेफाली अभ्यास के दौरान लड़कों की गेंदबाजी पर भी तेज शॉट खेलती थी। इसी का परिणाम है कि शेफाली पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। शेफाली के पिता संजीव ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है, जो आज रोहतक ही नहीं, बल्कि पूरे देश का भी नाम ऊंचा कर ही है।मैच से पहले बेटी से फोन पर हुई बात के दौरान पिता ने शेफाली से टाइमिंग पर ध्यान देते हुए निडर होकर खेलने के लिया कहा था।शेफाली और भाई साहिल दोनों एक साथ मैदान पर अभ्यास करते थे। साहिल ने कहा कि शेफाली दूसरे खिलाड़ियों से काफी अलग थी। क्रिकेट मैच में अच्छे लड़कों के सामने बल्लेबाजी कर अधिक रन बनाकर बेहतरीन प्रदर्शन करती थी। कोच शेफाली की बल्लेबाजी देखकर उसे काफी प्रेरित करते थे। जिसकी वजह से शैफाली आज यहां तक पहुंची है।