मॉस्को। अमेरिका और यूक्रेन को चेतावनी देते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। क्रेमलिन में रूस के मानवाधिकारी परिषद की एक मीटिंग के दौरान पुतिन ने जो कुछ कहा है उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पुतिन ने कहा कि अभी तक रूस ने पहले परमाणु हथियारों के प्रयोग के बारे में नहीं सोचा है। किसी भी स्थिति में रूस परमाणु हथियारों के प्रयोग से बचेगा। लेकिन इसका यह मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि इनका प्रयोग बिल्कुल ही नहीं होगा। पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर रूस की सीमा पर कोई हमला हुआ तो फिर परमाणु युद्ध की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुतिन ने कहा रूस की एक रणनीति है जिसे रक्षा के तौर पर जाना जाता है। हम तबाही वाले परमाणु हथियारों को इस रणनीति के तहत देखते हैं। इनका प्रयोग बदले की कार्रवाई के तहत किया जाता है। इसका मतलब है कि जब हम पर संकट है हम बदले में इसका प्रयोग करेंगे। रूसी राष्ट्रपति की मानें तो अमेरिका के परमाणु हथियार यूरोप के कई देशों में बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। जबकि रूस ने अपने परमाणु हथियारों को किसी और देश में नहीं रखा है और न ही ऐसी कोई योजना है। लेकिन अगर किसी साथी की रक्षा के लिए इनकी जरूरत पड़ी तो फिर इसे रूस के बाहर भी तैनात किया जा सकेगा। पुतिन ने कहा है कि वह परमाणु हथियारों को रक्षात्मक उपायों के तौर पर देखते हैं। पुतिन के शब्दों में हम पागल नहीं हैं। हमें मालूम है कि परमाणु हथियार क्या हैं और कितनी तबाही मचा सकते हैं। हमारे पास किसी और देश की तुलना में ज्यादा एडवांस्ड और आधुनिक परमाणु हथियार मौजूद हैं यह साफ नजर आता है। इसके बाद उन्होंने कहा हम दुनिया भर में चल रहे इन हथियारों को रेजर की तरह लहराने नहीं जा रहे हैं। बेशक हम इस बात को मानने से हिचकेंगे नहीं कि रूस के पास ये हथियार नहीं हैं। लेकिन यह संघर्ष के लिए नहीं हैं लेकिन बचाव के लिए हैं और मुझे उम्मीद है कि लोग इस बात को अच्छे से समझेंगे। मालूम हो कि यूक्रेन ने रूस की सीमा के अंदर ड्रोन से हमला किया है। नौ महीने पुराने युद्ध में यूक्रेन पहली बार इतना आक्रामक हुआ है। यूक्रेन ने इस हमले में रूस के दो मिलिट्री बेसेज को निशाना बनाया है। रूस के रक्षा मंत्रालय और सीनियर यूक्रेनी अधिकारी की तरफ से इस हमले की पुष्टि की गई थी। इन ड्रोन्स को यूक्रेन की सीमा से लॉन्च किया गया था। स्पेशल फोर्सेज की मदद से इन हमलों को अंजाम दिया गया था। इस हमले के पीछे रूस ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था। पुतिन ने हमेशा से अमेरिका और इसके साथी देशों को सीमा रेखा पार न करने की चेतावनी दी है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post