धूमधाम से सम्पन्न हुआ पंचदिवसीय गायत्री महायज्ञ व कथा महोत्सव

बहराइच। प्रतिवर्ष की भाँति इस बार भी बीते 2 दिसम्बर से 06 दिसंबर तक महसी के मासाडीह स्थित प्रसिद्ध व ऐतिहासिक प्राचीन बाबा बिहारी दास मन्दिर प्रांगण में जारी पंच दिवसीय गायत्री महायज्ञ व श्रीरामकथा ज्ञानयज्ञ महोत्सव का समापन मंगलवार देर रात ओरछा धाम मध्य प्रदेश से पधारीं प्रख्यात विदुषी कथाव्यास मानस मोहिनी संध्या तिवारी दीदी के प्रेरणादायक संदेशों, ज्ञानवर्धक प्रवचनों व संगीतमयी भक्तिमय भजनों पर तालियों की गूँज व मर्यादापुरुषोत्तम के जयघोष के साथ आरती व विशाल भंडारे, प्रसाद वितरण और विशालहृदय दानदाताओं, अतिथियों एवं सहयोगियों का आयोजन समिति पदाधिकारियों द्वारा अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर भव्य सम्मान समारोह करते हुए किया गया। इस बार के सबसे बड़े दानदाता सेवानिवृत्त शिक्षक पं रक्षाराम मिश्र निवासी फुलवरिया द्वारा 51000 का सहयोग प्रदान किया गया। बाबा बिहारी दास हनुमान मन्दिर मासाडीह के समिति पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष सनातन ब्राह्मण समाज सेवा संस्थान पं रामजी बाजपेयी एडवोकेट, पोस्टमास्टर पं रामानंद बाजपेयी, रमाकांत त्रिपाठी, प्रधान प्रतिनिधि लखनापुर अनोखे लाल शुक्ल, पं देवेश चन्द्र मिश्र, पं पुण्डरीक पाण्डेय, पं बदलूराम बाजपेयी, संजय त्रिपाठी, प्रद्युम्न बाजपेयी एवं उनकी माताजी आदि के द्वारा कथाव्यास मानस मोहिनी दीदी की संगीत मंडली के कलाकारों, यज्ञाचार्य पं मधुसूदन, सबसे बड़े दानदाता सेवानिवृत्त शिक्षक पं रक्षाराम मिश्र, भंडारा प्रसाद वितरण में भोजन व्यवस्था देख रहे कैटर्स पूर्व प्रधान मासाडीह उत्तम गुप्ता, मन्दिर पुजारी पं रामदीन अवस्थी तथा अन्य नियमित सहयोगियों व कई अतिथि सुधी श्रोताओं को अंगवस्त्र भेंटकर माल्यार्पण करते हुए सम्मानित किया गया। कथा के दौरान धनुषयज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद, श्रीसीतारामविवाह, विदाई, वनवास, सीताहरण व सुंदरकांड गायन सहित श्रीराम रावण युद्ध में श्रीराम जी की विजय, विभीषण राज्याभिषेक, श्रीसीता जी सहित अयोध्या वापसी, श्रीराम राजगद्दी के बाद आरती व देर रात तक भंडारा व प्रसाद वितरण जारी रहा। मानस मोहिनी दीदी द्वारा परशुराम लक्ष्मण संवाद व सुंदरकांड की चैपाइयों का गायन, श्रीराम विवाह गीत-आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया तथा संदेशात्मक भजन‘नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का‘ पर श्रोता भक्त श्रद्धालु तालियों की गड़गड़ाहट के साथ श्रीराम जी के जयघोष के साथ झूमकर अनुकरण गायन करते रहे। इस दौरान आसपास के दो दर्जन गाँवों के हजारों सुधी श्रोता श्रद्धालु उपस्थित रहे।