मन में विश्वास हो तो कभी भी जीवन में नही होगें असफल-कथावाचक

कौशाम्बी। मंझनपुर मुख्यालय में चौधरी बैजनाथ नगर में एक निजी गेस्ट हाउस में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सोमवार को पं0 अखिलेश जी महराज ने आरती पूजन कर मद्भागवत कथा के कपिल अवतार एवं धु्रव चरित्र की कथा का श्रद्धालुओं को श्रवण कराया। मंझनपुर मुख्यालय में सोमवार को मद्भागवत कथा का दूसरे दिन पं0 अखिलेश जी महराज ने यजमान विट्टन देवी एवं शारदा प्रसाद गुप्ता भुर्जी एवं कथा सुनने आये श्रद्धालु को पूजन आरती कराते हुए कथा पाठ प्रारम्भ किया। थावाचक महराज ने कहा कि परमात्मा की भक्ति में उम्र का कोई प्रावधान नहीं है। भक्ति में सामर्थ्य और विश्वास होना चाहिए। भावपूर्ण भक्ति से ही परमात्मा प्रसन्न होते हैं। उन्होंने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। कपिल अवतार, धुव्र चरित्र, सृष्टि की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है, इसलिए इस कलयुग में दया, धर्म, भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार करता है। उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम व माता का नाम देवहूति था। शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म पितामह के शरीर त्याग के समय वेदज्ञ व्यास आदि ऋषियों के साथ भगवान कपिल मुनि जी भी वहां उपस्थित थे। भगवान कपिल मुनि जी सांख्य दर्शन के प्रवर्तक हैं। श्री गुरू भगवान कपिल महामुनि जी भागवत धर्म के प्रमुख बारह आचार्यों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि, किसी भी काम को करने के लिए मन में विश्वास होना चाहिए तो कभी भी जीवन में असफल नहीं होंगे। जीवन को सफल बनाने के लिए कथा श्रवण करने से जन्मों का पाप कट जाता है। इस मौके पर ज्ञान चन्द्र गुप्ता भुर्जी, आशीष केशरवानी बच्चा, रोहित गुप्ता, महक, पंखुड़ी, संजीव केशरवानी, दीपक जायसवाल, बबलू सराफा, सुनीता कुमारी, ज्ञान देवी, जूली, रानू देवी  सहित सैकड़ों की संख्या में श्रदालुओं मौजूद रहें।