लखनऊ। देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार प्रेम प्रकाश द्वारा लिखी गयी एक अतुलनीय पुस्तक ‘रिपोर्टिंग इंडिया’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन दिल्ली में किया गया।प्रेम प्रकाश जी एक प्रतिष्ठित भारतीय पत्रकार और भारत की सबसे बड़ी टेलीविजन समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) के चेयरमैन हैं। उन्होंने आजादी के बाद के भारत की कुछ दिलचस्प और यादगार पहलुओं को कवर किया है। उन्होंने 1950 के दशक से सदी के अंत तक भारतीय उपमहाद्वीप में हुई प्रमुख घटनाओं की सूचना लोगों तक पहुंचायी है। वह फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के अग्रणी विदेशी प्रसारकों के साथ भी काम कर चुके हैं।प्रेम प्रकाश जी द्वारा लिखी गयी अद्भुद जानकारी से भरी पुस्तक श्रिपोर्टिंग इंडिया’रू ‘माई सेवेंटी ईयर जर्नी ऐज ए जर्नलिस्टश् के हिंदी अनुवाद का विमोचन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके अकबर रोड स्थित आवास पर किया। पुस्तक का हिंदी अनुवाद प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा किया गया है। इसे देश के विभिन्न कोने में साहित्यकारों और पाठकों तक पहुंचाने का नेतृत्व भी इसी संगठन ने लिया है। इस पुस्तक के हिंदी अनुवाद का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन द्वारा किया गया है।पुस्तक के अनावरण कार्यक्रम के दौरान देश के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को प्रभा खेतान फाउंडेशन और इसकी साहित्यिक और सांस्कृतिक इकाई की तरफ से गुलदस्ता भेंट किया गया। इसके साथ राजनाथ सिंह जी को इस फाउंडेशन की महिला सशक्तिकरण विंग ‘अहसास वूमेन’ से भी परिचित कराया गया। जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रतिभाशाली और विपुल महिलाओं की अहम भूमिका के बारे में सिंह जी को अवगत कराया गया। भारत के साथ विदेशों में भी इस देश के साहित्य और सांस्कृतिक विरासत का प्रसार करने में इनकी बड़ी भूमिका हैं।देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार एवं इस पुस्तक के लेखक प्रेम प्रकाश, संजीव कपूर, सुश्री नीलिमा डालमिया अधर (दिल्ली की अहसास वूमेन), सुश्री वंदना सिंह और सुश्री मनीषा जैन (प्रभा खेतान फाउंडेशन की ब्रांडिंग और कम्यूनिकेशन प्रमुख) की गरिमामयी उपस्थिति में राजनाथ सिंह जी ने इस पुस्तक के हिंदी संस्करण का विमोचन किया।इस यादगार मौके पर सुश्री मनीषा जैन ने देश के माननीय रक्षा मंत्री को स्मृति चिन्ह के तौर पर फाउंडेशन की पत्रिका ‘प्रभा’ के साथ देश के जानेमाने कलाकार सुदीप्त कुंडू द्वारा डिजाइन की गई ‘प्रभा’ अंकित सिरेमिक प्लेट भेंट की।प्रभा खेतान फाउंडेशन साहित्य और अनुवाद के प्रति गहरा सम्मान रखता है, क्योंकि अनुवाद एक दूसरे के बारे में जानने और एक दूसरे से सीखने का अवसर प्रदान करता है। भारत एक ऐसा देश है, जिसके विभिन्न राज्यों में रहनेवाले लोग आपस में सैकड़ों भाषाएं बोलचाल में प्रयोग करते हैं, अनुवाद शब्दों और विचारों को समय और भौगोलिक दायरे के जरिये अपनी भाषा को समझाने में सक्षम बनाता है।
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