जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सरस्वती सदन पर कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने शनिवार को संविधान द्विवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका की शपथ शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को दिलाई। इस अवसर पर दतोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान के विद्यार्थियों ने झांकी निकालकर संविधान दिवस के बारे में लोगों को जागरूक किया। कुलपर्ति ने कहा कि संविधान ध्रुवतारा की तरह है। ध्रुवतारा उत्तर में उगता है और इस प्रकार एक संकेतक के रूप में दिशाओं को खोजने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी तरह देश का संविधान भी हमारे लिए ध्रुव तारा का काम करता है। जब हमें कोई रास्ता नहीं दिखता तब यह हमें दिशा दिखाता है। वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को 26 नवंबर को ही अपनाया गया गया था। हालांकि, इसे 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू किया गया था। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद से हर साल संविधान दिवस को इस दिन मनाया जाता है। उन्होंने संविधान दिवस की शपथ शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों को दिलाई। इसके बाद संस्थान के निदेशक गंगला प्रसाद. डा.अनुराग मिश्र, श्रीप्रकाश यादव, डा.वनीता सिंह, डा.रजितराम सोनकर, डा. अंकित सिंह, डा. राहुल कुमार राय, डा. दिनेश कुमार सिंह डा. प्रमोद कुमार के साथ विद्यार्थियों ने झांकी निकालकर परिसर में संविधान दिवस के बारे में लोगों को बताया। कहा कि संविधान के कारण ही देश में लोकतंत्र कायम है। देश के सभी नागरिकों को इसके माध्यम से ही न्याय मुहैया कराई जा सकती है। वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, बबिता सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. रामनारायन, प्रो. राजेश शर्मा, डा. राजेश सिंह, सुबोध पांडेय, रामगोपाल आदि शामिल थे।
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