गर्भवती महिलाओं के लिए योग होता है फायदेमंद

आम तौर पर गर्भवती महिलाओं को योग न करने की नसीहतें दी जाती हैं, जबकि उनके लिए यह बेहद फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इन बदलावों की वजह से उन्हें कई बार परेशानी भी उठानी पड़ती है। ऐसे में इऩ समस्याओं से छुटकारा पाने में योग आपकी मदद कर सकता हैं।
ताड़ासन-
गर्भवती महिलाओं के लिए ताड़ासन काफी फायदेमंद है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूती बनाने के साथ-साथ बैक पेन से भी राहत दिलाता है। इस आसन को शुरुआती 6 महीने तक करना ही फायदेमंद होता है।
शवासन-
शवासन करने से गर्भवती महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में फायदा होता है। गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से श्वासन करना चाहिए।
वीरभद्रासन-
वीरभद्र आसन को वॉरियर पोज भी कहते हैं। इसे करने से हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यदि किसी गर्भवती महिला को उच्चआ रक्तमचाप की शिकायत है तो वह इस आसन को न करे।
मार्जरी आसन-
यह आसन कैट पोज के नाम से भी प्रचलित है। इसे करने से रीढ़ में ताकत और शरीर में लचीलापन आएगा। इससे बेहतर रक्त का संचार बना रहता है और पाचन क्रिया में भी सुधार आता है।
कोणासन-
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में कोणासन भी बेहतर है। रक्त संचार बढ़ता है। इसे नियमित करने से गर्भवती महिला के शरीर के हिस्सेन स्व्स्थ रहते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यही नहीं गर्भावस्था के दौरान कब्ज से भी राहत मिलती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए योग होता है फायदेमंद (15एफटी01एचओ)
आम तौर पर गर्भवती महिलाओं को योग न करने की नसीहतें दी जाती हैं, जबकि उनके लिए यह बेहद फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इन बदलावों की वजह से उन्हें कई बार परेशानी भी उठानी पड़ती है। ऐसे में इऩ समस्याओं से छुटकारा पाने में योग आपकी मदद कर सकता हैं।
ताड़ासन-
गर्भवती महिलाओं के लिए ताड़ासन काफी फायदेमंद है। यह रीढ़ की हड्डी को मजबूती बनाने के साथ-साथ बैक पेन से भी राहत दिलाता है। इस आसन को शुरुआती 6 महीने तक करना ही फायदेमंद होता है।
शवासन-
शवासन करने से गर्भवती महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में फायदा होता है। गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से श्वासन करना चाहिए।
वीरभद्रासन-
वीरभद्र आसन को वॉरियर पोज भी कहते हैं। इसे करने से हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यदि किसी गर्भवती महिला को उच्चआ रक्तमचाप की शिकायत है तो वह इस आसन को न करे।
मार्जरी आसन-
यह आसन कैट पोज के नाम से भी प्रचलित है। इसे करने से रीढ़ में ताकत और शरीर में लचीलापन आएगा। इससे बेहतर रक्त का संचार बना रहता है और पाचन क्रिया में भी सुधार आता है।
कोणासन-
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में कोणासन भी बेहतर है। रक्त संचार बढ़ता है। इसे नियमित करने से गर्भवती महिला के शरीर के हिस्सेन स्व्स्थ रहते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यही नहीं गर्भावस्था के दौरान कब्ज से भी राहत मिलती है।