फतेहपुर। भिटौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत सचिव का रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को ग्राम प्रधान उन्नौर साहिमपुर के समर्थकों द्वारा बनाया जाना बताया जा रहा है। वीडियो में ग्राम पंचायत सचिव पैसे लेते हुए भी दिखाई दे रहे है। हालांकि वायरल वीडियो की सत्यता की समाचार पत्र पुष्टि नहीं कर रहा है। ग्राम प्रधान उन्नौर साहिमापुर जमुना सिंह ने पंचायत सचिव राम कृपाल पर मास्टर रोल में हस्ताक्षर करने के नाम पर 20 हज़ार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज्य अधिकारी व बीडीओ को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि रिश्वत के पैसे न मिलने पर पंचायत सचिव रामकृपाल द्वारा मनरेगा के मास्टर रोल पर हस्ताक्षर नहीं किया गया। जिससे मज़दूरों का भुगतान रुक गया था। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा हस्ताक्षर करने के एवज में 20 हज़ार रुपये मांगे जा रहे थे। साक्ष्य के लिये उनके द्वारा 20 हज़ार रुपये रिश्वत के नाम पर दिया गया। जिसका वीडियो उनके किसी व्यक्ति द्वारा बनवाया गया है। ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज्य अधिकारी व बीडीओ को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच कर कार्रवाई किये जाने की मांग किया। जानकारों की माने तो ग्राम पंचायत सचिव रामकृपाल के काले कारमानो की लंबी फेहरिस्त पहले से ही काफी लंबी है। पूर्व में भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। सचिव द्वारा ग्राम प्रधान के डोंगल से अवैध रूप से भुगतान किया था। जिस पर सीजीएम के आदेश पर पंचायत सचिव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। भ्रष्टाचार के मामले में ज़ीरो टालरेंस अपनाने वाली योगी सरकार में भी सेटिंग गेटिंग के बल पर दागी होने के बाद भी सचिव कार्रवाई की जद से बचकर अभी भी महत्वपूर्ण पद पर आसीन है। प्रधान जमुना सिंह ने कहा कि सेटिंग गेटिंग की बदौलत अभी तक कार्रवाई से बचने वाले ग्राम पंचायत सचिव रामकृपाल के विरूद्ध कार्रवाई नही की गई तो वह सीएम के दरबार में भी भ्रष्टाचारी के विरूद्ध कार्रवाई के लिये आवाज़ उठाएंगे।
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