कौशाम्बी ।.अपर जिला जज (सप्तम) नीरज कुमार उपाध्याय की अदालत ने हत्या के मामले में रिटायर्ड फौजी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 10 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। अदालत से संदेह का लाभ लेकर दो आरोपी बरी हुए हैं। वारदात साल 2014 को पिपरी के कटौहला गांव में हुई थी। जिस पर पिपरी पुलिस ने 3 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था।पिपरी थाना क्षेत्र के कटौहला गांव में धारा सिंह यादव पुत्र राम चंद्र फ़ौज की नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद रहता था। 25 जून 2014 को गांव का सुरेंद्र साइकिल से गेहूं पिसाकर अपने घर वापस आ रहा था। गांव में धारा सिंह यादव के घर के सामने सड़क पर पानी भरा था। जिसमें फिसलकर सुरेंद्र साइकिल से गिर पड़ा। इसे देख धारा सिंह व उसके बेटे टंडन एवं सुमित हंसने लगे। विवाद बढ़ा तो धारा सिंह ने बेटे टंडन से बन्दूक मंगाकर सुरेंद्र पर गोली चला दी। इससे उसकी मौके पर मौत हो गई।गोली की आवाज़ सुन सुरेंद्र के पिता और चाचा ओमप्रकाश मौके पर पहुंचे, जिनको देख धारा सिंह ने ओम प्रकाश पर भी गोली चला दी। जिससे वह घायल हो गए। मामले में पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई सतीश यादव से तहरीर लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू की। पीड़ित पक्ष ने मामले में धारा सिंह यादव समेत टंडन वं सुमित के खिलाफ नामजद मुकद्दमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद तीनों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।शासकीय अधिवक्ता शशांक खरे ने बताया कि एडीजे नीरज कुमार उपाध्याय की अदालत में केस 8 साल चला। अदालत में 11 गवाहों को परीक्षित कराया गया। गवाहों का बयान व पत्रावली के अवलोकन के बाद मुल्जिम धारा सिंह पर हत्या का जुर्म सिद्ध पाया गया। कोर्ट ने उसे 10 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हज़ार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। संदेह का लाभ देकर टंडन व सुमित को दोषमुक्त कर दिया गया।
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