मेलबर्न। आज भले ही विराट कोहली का जन्मदिन है, लेकिन पूरे ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप से पहले ही यहां विराट उत्सव मनाया जा रहा है। आस्ट्रेलिया में हर जगह सिर्फ एक ही बात समान अब तक दिखी है- कोहली के लिए अद्भुत दीवानापन। ऑस्ट्रेलिया में कोहली टेस्ट, वन-डे और टी-20 में अपना जबरदस्त जलवा बिखेर चुके हैं। यहां तक कि जिन लोगों ने हमेशा उनकी कप्तानी को लेकर सवाल खड़े किए तो 70 साल के इतिहास में ऑस्ट्रेलियाई जमीं पर टेस्ट सीरीज जिताने वाले पहले कप्तान भी कोहली ही बने। एक तरह से देखा जाए तो कई मायनों में ऑस्ट्रेलिया उनकी कर्मभूमि है और इसी कर्मभूमि में शायद कोहली अपने चाहने वालों को इस दौरे के अंत तक एक बड़ा तोहफा देना चाहतें हैं।।।अब तक सिर्फ कोहली वर्ल्ड कप में सिर्फ एक बार आउट हुए हैं। वो बल्लेबाजी करने आते हैं तो ऐसा लगता है कि वो टी-20 फॉर्मेट में टेस्ट क्रिकेट की एकाग्रता, वन-डे क्रिकेट का व्याकरण और फटाफट क्रिकेट की चपलता को एक साथ अपने बल्ले में समेट कर लाए हैं। ऐसा लगता है कि मानो कोहली ये साबित करने की कोशिश कर रहें हों कि टेस्ट क्रिकेट में सर डॉन ब्रैडमैन के पास कोई नहीं जा सकता है, वन-डे क्रिकेट में विवियन रिचर्ड्स औऱ सचिन तेंदुलकर संपूर्णता की मिसाल रहें हैं और टी-20 फॉर्मेट में एबी डिविलियर्स।।। लेकिन, अगर क्रिकेट के हर फॉर्मेट में एक असाधारण स्थिरता दिखाने वाले किसी एक बल्लेबाज की बात होगी तो शायद वो कोहली ही होंगे।इस दौरे पर कोहली का एक नया रुप दिख रहा है। ये कोहली अब खुलकर हंसता हैं। वो किंग होकर भी आम लोगों की तरह नम्र दिख रहा है। करीब 16 साल बाद मैंने इस दौरे पर उसी कोहली से मुलाकात की जिसे पहली बार जून 2006 में ये लेखक बैंगलोर में मिले थे। एडिलेड में बांग्लादेश मैच से पहले कोहली को मैनें ये बात पूछी कि क्या उन्हें अतीत की वो सारी मुलाकातें याद है तो उनका जवाब था- क्या भाई साहब, मैं क्यों भूलूंगा। इससे कुछ दिन पहले वो ब्रिसबेन में खुद चलकर मेरे पास आए थे और हाल-चाल लिया था। कोहली हर किसी से अब एक अलग अंदाज में मिल रहें हैं। कोहली को जब मैंने ये बात कही कि पाकिस्तानी उन्हें विरात कहतें हैं न कि विराट तो वो खिलखिलाकर हंस पड़ें। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में एक कस्बा ऐसा है जहां कोहली रोड है और मकान नंबर 18 जो कि कोहली की जर्सी का नंबर है, एक भारतीय ने अपना घर बना रखा है। उसे इच्छा है कि किसी न किसी दिन कोहली उनके घर आएंगे और देखेंगे कि कैसे-कैसे उनके चाहने वाले हैं। बता दें कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में जैसे ही टीम इंडिया पर्थ पहुंची, ये लेखक भी साथ-साथ टीम के साथ हो लिए। अभ्यास मैच हो या नैट प्रैक्टिस, पाकिस्तान के खिलाफ असाधारण मैच हो या फिर नीदरलैंड्स के खिलाफ सामान्य मैच। हर जगह कोहली के फैंस की भरमार थी।
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