बहराइच। भाई और बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक भैया दूज का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर तिलक कर मुंह मीठा कराया। दिवाली के तीन दिन बाद आने वाला भैया दूज ऐसा पर्व है जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती है। भाईदूज में हर बहन रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्जवल भविष्य के लिए आशीष देती है। भाई अपनी बहन को कुछ उपहार या दक्षिणा देता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाए जाने वाले इस इस त्यौहा को यमद्वितीया भी कहते है। त्यौहार के पीछे एक किंवदंती यह है कि यम देवता ने अपनी बहन यमी को इसी दिन दर्शन दिया था। जो बहुत समय से उससे मिलने के लिए व्याकुल थी। अपने घर में भाई यम के आगमन पर यमुना ने प्रफुल्लित मन से उसकी आवभगत की। यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन यदि भाई बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगे तो उनकी मुक्ति हो जायेगी। इसी कारण इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के एक साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यमी ने अपने भाई से यह भी वचन लिया कि जिस प्रकार आज के दिन उसका भाई यम उसके घर आया है। हर भाई अपनी बहन के घर जाये। तभी से भाईदूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। जिनकी बहनें दूर रहती है वे भाई अपनी बहनों से मिलने भाईदूज पर अवश्य जाते है और उनसे टीका कराकर उपहार आदि देते है। वहीं कायस्थ समाज में इसी दिन अपने आराध्य देव चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। कायस्थ लोग स्वर्ग में धर्मराज का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त का पूजन सामूहिक रूप से तस्वीरों अथवा मूर्तियों के माध्यम से करते है। वे इस दिन कारोबारी बहीखातों की पूजा भी करते है। शास्त्रों के अनुसार भैयादूज अथवा यम द्वितीया को मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन बहनें भाई को अपने घर आमंत्रित कर अथवा सायं उनके घर जाकर उन्हें तिलक करती है और भोजन कराती है। ब्रजमंडल में इस दिन बहनें भाई के साथ यमुना स्नान करती है। जिसका विशेष महत्व बताया गया है। भाई के कल्याण और वृद्धि की इच्छा से बहने इस दिन कुछ अन्य मांगलिक विधान भी करती है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने जाते है। उन्हीं का अनुकरण करते हुए भारतीय भ्रातृ परम्परा अपनी बहनों से मिलती है और उनका सम्मान पूजनादि कर उनसे आर्शीर्वाद प्राप्त कर कृतकृत्य होती है।
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