मुम्बई। भारतीय टीम में आने के बाद तेजी से किसी भी क्रम पर प्रभावशाली बल्लेबाजी कर अपना प्रभाव दिखाने वाले आक्रामक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को ऐसे ही टीम में स्थान नहीं मिला। सूर्या ने इसके लिए अपने खेल में कई बदलाव भी किये। चयनकर्ताओं को प्रभावित करने के लिए सूर्या ने स्मार्ट तरीके अपनाये। इसके तहत उन्होंने अपने अभ्यास के तरीके में बदलाव किया, फिटनेस के लिए अपने खाने पर ध्यान दिया और ऑफ साइड पर अधिक बल्लेबाजी की।सूर्यकुमार ने कहा, मेरी पत्नी देविशा और मैंने साल 2017-18 में इस पर काफी सोचा और कुछ स्मार्ट तरीके अपनाने का का फैसला किया। आप कड़ी मेहनत करते हो, जिसके बल पर आप आगे बढ़ते हो पर हमने कुछ अलग करने का भी फैसला किया। उन्होंने कहा, मैंने अलग तरह से अभ्यास करना शुरू किया। मुझे 2018 के बाद एहसास हुआ कि मुझे अपने खेल पर काम करने की जरूरत है। मैंने ऑफ साइड की तरफ अधिक शॉट खेलने शुरू किए। सूर्यकुमार ने कहा, मैंने भोजन पर ध्यान दिया और कम भोजन करना शुरू कर दिया। मैंने कुछ ऐसी चीजें की जिनसे मुझे वास्तव में 2018 और 2019 के घरेलू सत्र में सहायता मिली। इसके बाद 2020 में मेरा शरीर पूरी तरह से बदल गया था। सूर्यकुमार को अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर को शुरू करने के काफी समय बाद तकरीबन 11 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का अवसर मिला है। सूर्यकुमार ने कहा कि वह पहले बिना सोचे समझे अभ्यास कर रहे थे और निराश हो रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने अभ्यास के तरीकों में बदलाव किया। सूर्यकुमार ने कहा, इसमें समय लगा। हमें यह जानने में डेढ़ साल लग गए कि मुझे किन चीजों से मदद मिलेगी और मैं कैसे आगे बढ़ सकता हूं। इसके बाद हम दोनों को एहसास हुआ कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और फिर सब कुछ ठीक होने लगा। मैं जानता था कि मुझे क्या करना है, कैसे और कितना अभ्यास करना है। उन्होंने कहा, इससे पहले मैं केवल अभ्यास कर रहा था और फिर थोड़ा निराश हो जाता था। तब मुझे महसूस हुआ इस तरह के अभ्यास में किसी तरह की गुणवत्ता नहीं है जबकि मैं बहुत अधिक अभ्यास कर रहा हूं पर बादलाव के बाद 2018 से मेरे अभ्यास, भोजन, नेट सत्र और हर चीज में गुणवत्ता जुड़ गई, जिससे मुझे काफी मदद मिली।
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