लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना से बचाव में रक्षा कवच के रूप में प्रचारित टीकाकरण की रफ्तार भाजपा की संकीर्ण राजनीति के चलते धीमी हो चली है। प्रदेश भर में टीकाकरण में लापरवाही की शिकायतें हो रही हैं। भाजपा सरकार ने दीपावली तक सबको टीका देने का लक्ष्य घोषित किया पर लगता नहीं कि वह पूरा हो पाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की रीति-नीति अस्पष्ट होने से टीकाकरण विवादों में घिरता जा रहा है। तमाम जनपदों में टीकाकरण केन्द्रों का बुरा हाल है। राजधानी लखनऊ में सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन की कमी के चलते लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि रायबरेली में ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों पर टीके लग रहे हैं। बदायूं के उझानी में 34 गांवों में टीकाकरण शुरू नहीं हो पाया। अखिलेश यादव ने कहा कि शामली में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में टीका लगाए जा रहे हैं। प्रयागराज में वैक्सीन के दूसरे डोज के लिए स्लॉट बुक नहीं हो रहे हैं। यही शिकायतें लखनऊ सहित कई अन्य जनपदों से भी मिल रही हैं। आजमगढ़ में सगड़ी तहसील के अजमतगढ़ ब्लाक में आबादी ढाई लाख है परन्तु अभी तक 14000 को ही टीके लगे हैं। वाराणसी में टीकाकरण केन्द्रों पर अव्यवस्था है। जबसे प्राइवेट अस्पतालों में सशुल्क वैक्सीनेशन की अनुमति मिली है, कुछ सरकारी अस्पतालों में लापरवाही बढ़ी है। वहीं के कुछ तत्व प्राइवेट का रास्ता पकड़ने की सलाह देने लगे हैं।”