नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक विकास समिति की बैठक के दौरान एक हस्तक्षेप में कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कई प्रमुख मापदंडों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सब्सिडीज ने एक निश्चित योगदान दिया है। हम बैंक से सब्सिडी के एक आयामी दृष्टिकोण से बचने का आग्रह करते हैं। सीतारमण ने कहा कि विकृत सब्सिडी और कमजोर परिवारों को लक्षित सहायता प्रदान करने के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करके भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत में महिलाओं तक स्वच्छ खाना पकाने के तरीकों की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि इसने एसडीजी के कई प्रमुख मापदंडों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में एक निश्चित योगदान दिया है। इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से वैश्विक आर्थिक संकट के बीच भारत को निवेश के लिए एक उज्ज्वल स्थान के रूप में वर्णित करने के एक दिन बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी देश की अर्थव्यवस्था की प्रशंसा की। वित्त मंत्री ने कहा कि अनिश्चितताओं की दुनिया में भारत बहुत कम असाधारण प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) ने अब चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर साल-दर-साल आधार पर 13.5 प्रतिशत रखी है, जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
Share on Facebook
Follow on Facebook
Add to Google+
Connect on Linked in
Subscribe by Email
Print This Post