बाँदा।जिले में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना नदी का जलस्तर फिर बढ़ने से लोगों में डर का माहौल बन गया है। बताया जा रहा है कि लगातार बारिश से यह स्थिति पैदा हो गई है। वहीं अगस्त में ही बांदा बाढ़ की तबाही का दंश झेल चुका है और जिले के पैलानी और बबेरू तहसील अंतर्गत करीब 50 गांवों में डेढ़ महीने पहले यमुना की बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी।इससे हजारों लोगों को अपने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर ठिकाना बनाना पड़ा था। अभी बाढ़ के जख्म खत्म भी नहीं हो पाए थे कि अचानक यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा, जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गया है। पैलानी तहसील क्षेत्र के चिल्ला कस्बे में बह रही यमुना नदी में गुरुवार को शाम से अचानक जल स्तर बढ़ने लगा। देखते ही देखते करीब 2 मीटर ऊंचाई तक पानी बढ़ने से ग्रामीणों के दिल की धड़कनें बढ़ने लगी। बाढ़ की आशंका से एक बार फिर किसानों में दहशत है।हालांकि प्रशासन की ओर से जल स्तर बढ़ने के बारे में ग्रामीणों को किसी तरह सचेत नहीं किया गया। लगातार बढ़ रहा जलस्तर शुक्रवार को दोपहर तक 94.41 मीटर पहुंच गया।इस बारे में केंद्रीय जल आयोग के जरिए बताया गया कि लगातार हो रही बारिश के कारण मध्य प्रदेश के मंडला से यमुना में पानी आ रहा है। इसकी वजह से एक बार फिर बेमौसम यमुना नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।हालांकि अभी भी नदी का जल स्तर खतरे के निशान से लगभग 5 मीटर नीचे है।बारिश का पानी नदी में आने से करीब 2 मीटर जलस्तर बढ़ गया है।दोपहर बाद जलस्तर थम जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।अगस्त के महीने में यमुना नदी में आई बाढ़ ने इस तहसील के करीब 30 गांवों को प्रभावित किया था।साथ ही जिले के बबेरू तहसील के दो दर्जन गांवों में ही बाढ़ का पानी घुस गया था। इससे लोगों को अपने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। इस बाढ़ में किसानों की फसल भी जलमग्न हो गई थी। अभी प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का जायजा लेने का काम पूरा भी नहीं पाया है कि एक बार जलस्तर बढ़ने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है।
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