बाँदा।करवा चौथ पर सुहागिनों ने दिनभर निर्जला व्रत रखा।शाम को साजन के लिए सोलह श्रंगार किया। चंद्रमा के उदय होते ही छलनी से सुहाग का दीदार किया। पूजन अर्चन कर सलामती की कामना की। पति के हाथों जल पीकर व्रत का पारण किया।कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ गुरुवार को मनाया गया। सुहागिनों ने सौभाग्य, सुख और समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखा। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को सोलह शृंगार किया। चंद्रमा के उदय होते ही छलनी से साजन का दीदार किया। लंबी उम्र की कामना की। पूजन अर्चन कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया। बाद में सुहाग के हाथों जल पीकर व्रत का पारण किया।जिन महिलाओं के पति सेना में है या बाहर नौकरी करते हैं और किन्हीं कारणों से वह घर नहीं आए, उन्होंने स्मार्ट मोबाइल पर वीडियो कालिंग से स्क्रीन पर पति का दीदार कर वृत तोड़ा। कुछ ने फोटों को सामने रख जल ग्रहण किया। करवा चौथ के वृत को लेकर महिलाओं खासकर नई नवेली दुल्हनों में काफी जोश देखने को मिला, दिनभर बाजार में खरीदारी हुई।तमाम महिलाएं सजने संवरने के लिए ब्यूटी पार्लर गईं। कुछ घर में ही तैयार हुईं। कई स्थानों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से करवा चौथ का पूजन किया।करवा चौथ के वृत को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह रहा। बबेरू, नरैनी, अतर्रा, बिसंडा, बदौसा, तिंदवारी में भी करवा चौथ धूमधाम के साथ मनाया गया। पूजन के बाद लोगों आतिशबाजी की गई।सलाखो में कैद महिलाओं ने भी करवा चौथ का व्रत रखा। चंद्रमा के निकलने के बाद साजन की फोटो को सामने रखकर जल ग्रहण किया।जेल प्रशासन ने जेलमें निरुद्ध महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखने के लिए कई प्रकार की रियायत दी थी। जिन महिलाओं का पूजन का सामान घर से नहीं आया उन्हें जेल प्रशासन ने उपलब्ध कराया।
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