ब्रिटेन की नई महारानी कैमिला की ताजपोशी में कोहिनूर जड़ा ताज नहीं पहनाया जाएगा!

लंदन। ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद नई रानी कैमिला की ताजपोशी अगले साल 2023 में की जानी है। महारानी के सिर पर जो कोहिनूर हीरे जड़ा ताज सजेगा उसको लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। खबरों की मानें तो ‘राजनीतिक संवेदनशीलता’ की वजह से बकिंघम पैलेस नहीं चाहता कि कोहिनूर हीरे को लेकर कोई नया विवाद खड़ा हो क्योंकि इसके स्वामित्व को लेकर लंबे समय से एक बहस चल रही है। लिहाजा संभव है कि कैमिला को उनकी ताजपोशी में कोहिनूर वाला ताज नहीं पहनाया जाएगा। खबरों के मुताबिक कोहिनूर हीरा, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी, 150 साल से क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है। एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद अब एक बार फिर इसकी वापसी की मांग उठने लगी है। अब तक यह माना जा रहा था कि अगले साल होने वाली क्वीन कैमिला की ताजपोशी में वह कोहिनूर वाला ताज पहन सकती हैं। लेकिन भारत के साथ कूटनीतिक रिश्तों और संभावित विरोध के चलते इसमें बदलाव किया जा सकता है। टेलीग्राफ रॉयल फैमिली ने एक सूत्र के हवाले से दावा किया कि हाल के दिनों से पहले तक हीरे को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। लेकिन शाही परिवार को ‘समय के साथ के आगे बढ़ने’ की सलाह दी गई है।रिपोर्ट के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर ज्योति अटवाल ने इसके महत्व को समझाया। उन्होंने कहा, ‘यह उपमहाद्वीप पर ब्रिटेन की जीत की सबसे बड़ी निशानी थी और 1947 में भारत की आजादी के बाद से इसे वापस लाने की मांग की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि यह हमेशा से राजनीतिक भरपाई और भारतीय गौरव को वापस लाने और इतिहास के दाग को दूर करने के केंद्र में रहा है। शाही परिवार के अंदर से आ रही खबरों के मुताबिक, वर्तमान समय को देखते हुए नए राजा इस तरह के मुद्दों को लेकर बेहद संवेदनशील है और पैलेस में कोहिनूर को लेकर ‘राजनीतिक संवेदनशीलता’ और खासकर भारत के संबंध में ‘घबराहट’ का माहौल है। अगर क्वीन कंसोर्ट कोहिनूर वाला ताज नहीं पहनेंगी तो राज्याभिषेक के दौरान उनके पास क्वीन एलिजाबेथ का ताज पहनने का विकल्प मौजूद है। यह सबसे अधिक प्रभावी और सरल विकल्प है। शाही परिवार में पुरुषों के लिए इस हीरे को शापित माना जाता है और माना जाता है कि शाही परिवार का जो पुरुष सदस्य इसे पहनता है उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।