हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में समावेश के वाहक के तौर पर प्रौद्योगिकी की महत्ता पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि प्रौद्योगिकी एवं प्रतिभा भारत की विकास यात्रा के दो स्तंभ हैं।श्री मोदी ने वर्चुअल मोड के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में अपने संबोधन में कहा,“दूसरी अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस में आप सभी के साथ बातचीत करके मुझे खुशी हो रही है। यह सम्मेलन हैदराबाद में आयोजित किया जा रहा है जो अपनी संस्कृति, व्यंजन, आतिथ्य और उच्च तकनीक दृष्टि के लिए जाना जाता है। ”प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का विषय वैश्विक गांव को भू-सक्षम करने में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहिए है। उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए कहा कि देश अंत्योदय के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसका उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा अभियान है, जिसने अंतिम पंक्ति में भी खड़े व्यक्ति के सशक्तिकरण के लिए बड़े पैमाने पर हमारा मार्गदर्शन किया है।श्री मोदी ने कहा कि 11 करोड़ परिवारों को स्वच्छता सुविधाएं और छह करोड़ से अधिक परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन लेने से, भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी पीछे न रहे।प्रौद्योगिकी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रीयल-टाइम डिजिटल भुगतान में दुनिया का नंबर एक है। यदि आप बाहर उद्यम करते हैं, तो आप देखेंगे कि सबसे छोटे विक्रेता भी डिजिटल भुगतान स्वीकार करते हैं, यहां तक कि पसंद करते हैं। इसी तरह, प्रौद्योगिकी के माध्यम से हमने कोविड-19 के दौरान गरीबों की मदद की।
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