मोदी ने 8000 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का किया लोकार्पण, शिलान्यास

भरूच। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में भरूच के आमोद में 8000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।श्री मोदी ने अपने तीन दिवसीय गृह राज्य गुजरात दौरे के दूसरे दिन सोमवार को भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी। वर्ष 2021-22 में इन ड्रग्स का दवाइयों के कुल आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और बल्क ड्रग्स के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।उन्होंने दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखी इससे औद्योगिक संपदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता मिलेगी। उन्होंने अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का पहला चरण और अंकलेश्वर एवं पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है जिससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।प्रधानमंत्री ने आज विभिन्न औद्योगिक पार्कों के विकास का शिलान्यास भी किया। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वानर (छोटा उदयपुर) में स्थापित होंगे, मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क और खांडिवाव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण शामिल है।इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं जिनसे रसायन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने दहेज में 130 मेगावाट के सह उत्पादन विद्युत संयंत्र के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र का लोकार्पण किया। इसके साथ-साथ दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण किया जिसकी क्षमता 785 एमटी/दिन से बढ़ाकर 1310 एमटी/दिन की दी गई है। उन्होंने दहेज में एक लाख एमटी प्रति वर्ष से अधिक क्लोरोमेथेन के निर्माण के लिए एक परियोजना का भी लोकार्पण किया।प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गईं अन्य परियोजनाओं में दहेज स्थित हाइड्राज़ीन हाइड्रेट संयंत्र शामिल है जो उत्पाद के आयात प्रतिस्थापन में मदद करेगा। इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य तथा उमला आसा पनेथा सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूत बनाना शामिल है।