किडनी के घरेलू उपचार से पहले रहे सावधान

किडनी (गुर्दे) के घरेलू उपचार को लेने से पहले, एक बार डॉक्टर से बात जरुर करना चाहिए खासकर उन लोगों के लिए जिसको पहले से कोई और बीमारी हो। एंटीबायोटिक, मूत्रवर्धक, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, और जिगर की दवाएं किडनी के घरेलू हर्बल उपचार के साथ प्रतिक्रिया कर सकती हैं, इसीलिए डॉक्टर से सलाह मशवरा करना सही माना जाता है।किडनी में पथरी बनने से लेकर संक्रमण होना आज के दिनों में आम बात हो गया है।लोग सोचते हैं कि हमने पथरी को सर्जरी से बाहर निकलवा दिया। हमें कभी और पथरी नहीं होगा यह सोचना एकदम गलत है। किडनी की प्रवृति होती है कि अगर एक बार उसने पथरी बनाना शुरू कर दिया तो वह बार-बार बनाते रहता है। और हम बार-बार सर्जरी नहीं करवा सकते इसलिए आपको खाने पीने में खास एहतियात बरतना होगा।किडनी संक्रमण भी कुछ ऐसा ही होता है जब हम एंटीबायोटिक खाते हैं तो कोई दिनों के लिए हमारी परेशानी बिल्कुल खत्म हो जाती है लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से वह परेशानी आ जाता है। ऐसे में सावधानी बरतना जरुरी है।
पानी –
पथरी बनने से रोकने का सबसे बड़ा इलाज पानी है। यह दो बातों पर निर्भर करता है पहला पानी की क्वालिटी दूसरा आप कितना पानी पीते हैं।मनुष्य जो पानी पीता है वह मिनरल वाटर होता है और मिनरल वाटर में मिनरल कितने प्रतिशत है इस पर भी निर्भर करता है किडनी का स्टोन बनना। कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं फास्फेट का प्रतिशत पता कर लें जो पानी आप पी रहे हैं।
मनुष्य को प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए ?
इसमें लोगों की राय थोड़ी अलग अलग है लेकिन मेडिकल साइंस के अनुसार से कम से कम एक इंसान को प्रतिदिन 2 लीटर यानी 8 गिलास पानी कम से कम पीना चाहिए।अगर किसी को किडनी स्टोन की शिकायत है तो जरूर उसे 2 लीटर से ज्यादा पानी पीने चाहिए।पानी पीने से किडनी साफ हो जाता है। स्टोन बनने वाला कंपाउंड वहां पर इकट्ठा नहीं हो पाता है और जिससे स्टोन बनने की शिकायत कम हो जाती है।
तुलसी –
तुलसी में एसिटिक एसिड नाम का योगिक मिलता है जो किडनी में यूरिक एसिड से बने पथरी को तोड़ने में काफी मददगार होता है।
तुलसी का पत्ता प्रतिदिन उपयोग करने से किडनी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। तुलसी के पत्ते का पाउडर अब मार्केट में भी उपलब्ध है।
गेहूं छोटे पौधे का रस –
गेहूं छोटे पौधे का रस किडनी पथरी के इलाज का रामबान माना जाता है क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत ज्यादा होता है उसके साथ ऐसे और भी कंपाउंड होते हैं जो मूत्र की मात्रा को बढ़ा देता है। मूत्र की मात्रा बढ़ने से मूत्र मार्ग साफ हो जाता है जिससे पत्थर इकट्ठा नहीं हो पाता है।
गेहूं छोटे पौधे का रस बनाने के लिए पहले आपको गेहूं को पानी में भीगने होंगे, फिर उसे अंकुरित करना होगा। जब गेहूं का अंकुर बड़ा हो जाए तो उसका रस बनाकर पानी के साथ पीना चाहिए।
यूर्वा उर्सी –
किडनी का इलाज का आसान तरीका
यूर्वा उर्सी एक जड़ी है जो विसर्जक और विलायक गुणों भरा होता है।मूत्र मार्ग के रास्ते को साफ करता है एवं मूत्र मार्ग में फंसे पत्थर को भी बाहर निकाल देता है !
यूर्वा उर्सी थोड़ी-थोड़ी मात्रा दिन में तीन बार लिया जा सकता है जो सबसे ज्यादा किडनी पथरी के इलाज के लिए अब तक अच्छा माना गया है। इस तरह का उत्पाद बाजार में भी मिलता है !
नींबू का रस –
नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जो कैल्शियम के यौगिक को किडनी में बनने से रोकता है उसके साथ बने यौगिक को तोड़ने में भी मदद करता है।अध्ययन से यह पता चला है कि अगर कोई नींबू का रस सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ मिलाकर पीता है तो वह ज्यादा लाभकारी साबित हो होता है। मार्केट में नींबू फ्लेवर वाला बहुत सारे रस उपलब्ध है लेकिन उसको पीने से कम फायदे की उम्मीद है क्योंकि उसमें साइट्रेट का प्रतिशत कम होता है जबकि अन्य फ्लेवर ज्यादा होते हैं। ताजा नींबू के रस को ज्यादा बेहतर माना जाता है किडनी के इलाज के लिए !
सेब साइडर सिरका –
नींबू की तरह सेब साइडर सिरका में साइट्रिक एसिड होता है जो कैल्शियम के यौगिक को किडनी में बनने से रोकता है उसके साथ बने यौगिक को तोड़ने में भी मदद करता है।
दो चम्मच सेब साइडर सिरका पानी के साथ मिलाकर खाली पेट पीने से ज्यादा फायदा हो सकता है !
अजवाइन रस या बीज –
गेहूं छोटे पौध की तरह अजवाइन रस या बीज एंटीऑक्सिडेंट्स है किडनी स्टोन के उपचार के लिए बेहद फायदेमंद है !
अजवाइन का रस बनाने के लिए एक या दो अजवाइन डंठल को पानी से मिश्रित किया जा सकता है। रोज़ एक गिलास पीना चाहिए।
राजमा – पानी –
राजमा में मैग्नीशियम की मात्रा प्रचुर होता है जो किडनी के पथरी के लिए लाभकारी है।
राजमा – पानी बनाने की विधि – राजमे बीज का छिलका निकाल कर इसे पानी में धीरे-धीरे गर्म किया जाता है, 5 से 6 घंटे के बाद इस पानी को पीने में उपयोग किया जा सकता है। एक दिन में एक से दो बार किया जा सकता है !
जैतून का तेल –
जैतून का तेल में ज्यादा चिकनाई वाला केमिकल होता है जो मूत्र मार्ग में ज्यादा फिसलन पैदा कर पाता है जिससे फंसे हुए पत्थर को बाहर निकालने में मददगार साबित हो सकता है!
जैतून का तेल पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट लेना ज्यादा अच्छा माना जाता है, उसके साथ खाना भी इसके साथ पकाकर खाने में लाभकारी सिद्ध होता है !
अनार का रस –
अनार के जूस में एस्टेरीजेंट र एंटीऑक्सिडेंट होता है जो किडनी में पथरी बनने से रोकता है और उनके साथ पेशाब को ज्यादा एसिडिटी भी नहीं होने देता है। पेशाब में जलन कम करने में काफी मददगार साबित होता है !
अनार का बीज या उसका जूस बनाकर सेवन किया जा सकता है दिन में एक बार से ज्यादा बार भी लिया जा सकता है !
क्या ना खाएं – किडनी की पथरी से बचने के लिए
डिहाइडिंग फूड एवं चीनी, नमक, और अल्कोहल गुर्दे की पथरी बनने में मदद करता है। ऑक्सलेट योगिक पाए जाने वाले चीजों को खाने से भी किडनी में पथरी बनता है। अगर आपका पथरी सर्जरी के द्वारा या खुद पेशाब के रास्ते से बाहर निकल आया है तो ऐसे में उसे फेंकिए मत। आज के समय में पथरी का टेस्ट करवाने से यह पता चल जाता है कि क्या खाने से यह पथरी किडनी में बना था और उस खाने को आप अपने डाइट चार्ट से हटा सकते हैं या कम कर सकते हैं। अगर आप किडनी स्टोन से बचना चाहते हैं तो ये न खायें।
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