रीढ़ की हड्डी पर हमारा पूरा शरीर टिका हुआ है। एक प्रकार से देखा जाये तो यह हमारा आधार है। इसमें किसी भी तरह की चोट घातक हो सकती है यहां तक कि इंसान अपाहिज भी हो जाता है। रीढ़ की हड्डी में लगी चोट या किसी भी तरह के जख्म का इलाज भी आसान नहीं होतो। दवा के बाद व्यायाम और सर्जरी ही इसका एकमात्र हल है।हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार एशिया में मिलने वाले जंगली- कीट रेशम में रीढ़ की हड्डी को ठीक करने की क्षमता होती है। रेशम एक ऐसी चीज है, जो रीढ़ की हड्डी में लगे जख्म और चोट को ठीक कर सकती है।शोधकर्ताओं के अनुसार इस रेशम को साफ करके रीढ़ की हड्डी की चोट को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.शोधकर्ताओं ने रीढ़ की हड्डी की इस गंभीर परेशानी को दूर करने वाले कीट रेशम का नाम ‘एथेराइना पार्नी’ बताया है।दरअसल, रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के बाद इसमें मौजूद तंत्रिका कोशिका एक- दूसरे से जुड़ नहीं पातीं, जिस वजह से रीढ़ की हड्डी का इलाज नहीं हो पाता जबकि इस कीट के रेशम की सतह पर एक विशेष रसायन होता है। इस रसायन में रीढ़ की तंत्रिका कोशिकाओं को जोड़ने के गुण होते हैं। जिस वजह से यह नसों को फैलाकर उन्हें बढ़ने में मदद करता है।शोधकर्ताओं ने यह भी दावा किया है कि जितनी सख्ती रीढ़ की तंत्रिका कोशिकाओं को सहारा देने के लिए जरूरी होती हैं, रेशम में उतनी ही सख्ती होती है।
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