नयी दिल्ली। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विजन के अनुरूप रसायन और पेट्रो रसायन क्षेत्र देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने में सक्षम है।श्री मांडविया ने मंगलवार को यहां रसायन और पेट्रो रसायन सलाहकार मंच की तीसरी बैठक में यह बात कही। इस अवसर पर रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा भी उपस्थित थे।श्री मांडविया ने कहा कि रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “ भारत को रसायनों और उर्वरकों के वैश्विक बाजार का नेतृत्व करने के लिए अपना खुद का मॉडल बनाने की जरूरत है।” उन्होंने कंपनियों और सलाहकार मंच से भविष्य की रणनीति बनाने का आग्रह किया जो वैश्विक मांगों और संबंधित उद्योगों की उभरती जरूरतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि भारत में चुनौती का सामना करने की क्षमता है जरूरत एक ऐसी रणनीति की है जो परिणामों पर केंद्रित हो।उन्होंने कहा, “ आइए हम निर्णय लेने के मॉडल को परामर्शी और बहुआयामी बनायें जिसमें देश को घरेलू और वैश्विक मांगों को पूरा करने संबंधी उपाय भी शामिल किये जाएं।” उन्होंने उद्योग जगत और शिक्षाविदों से अनुसंधान एवं विकास में भागीदारी करने का भी आग्रह किया जिससे घरेलू आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा, “ हम रसायनों के लिए एमएसएमई जैसे विशिष्ट क्षेत्रों की चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुसंधान एवं विकास को लक्षित कर सकते थे।”
कार्यक्रम में पेट्रो रसायन पर सलाहकार मंच द्वारा प्रस्तुत संभावित योजना पर चर्चा की गई और उद्योग परिदृश्य विषय पर रिपोर्ट भी जारी की गई।