रेडियो फ्रीक्वेंसी इस रेगिस्तान में क्यों हो जाती है बेकार

चिहुआहुआ । रिसर्च भी अब तक ये नहीं पता कर सकी है ‎कि आखिर मैक्सिको के चिहुआहुआ रेगिस्तान में रेडियो फ्रीक्वेंसी क्यों बेकार हो जाती है। सबसे पहले इस जगह के बारे में साल 1970 में शोध शुरू हुआ। तब एक अमेरिकी मिसाइल यहां पहुंचते ही क्रैश हो गई। उसके क्रैश होने की वजह पता लगाने जब एक्सपर्ट पहुंचे तो देखा कि उनका जीपीएस तेजी से गोल चक्कर लगा रहा है।यूएस एयर फोर्स की इस टीम ने आगे पड़ताल की तो पाया कि यहां कंपास या जीपीएस तो क्या, कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम नहीं करता। ये एक तरह का डार्क जोन था, जहां टीवी सिग्नल, रेडियो, शॉर्ट वेव या सैटेलाइट सिग्नल तक नहीं पहुंच पा रहे थे। तुरंत ही टीम ने इस जगह को जोन ऑफ साइलेंस नाम दे दिया। इसके बाद से इस जगह पर दसियों शोध हो चुके हैं लेकिन वजह पकड़ाई में नहीं आ सकी कि यहां ऐसा क्या है जो हर उपकरण काम करना बंद कर देता है। इसके तुरंत बाद ही मैक्सिकन सरकार ने यहां एक विशाल लैब तैयार की, जिसे द जोन नाम दिया। बताया गया कि यहां के रहस्यों को जानने के लिए ये लैब बनी है। साथ ही इस अजीबोगरीब जगह की वनस्पति और कीड़े-मकोड़ों पर भी शोध हो रहा है।हालांकि बीच-बीच में ये अटकलें भी लगती रहीं कि सरकार ने यहां पर कोई सिग्नल न होने का फायदा लेते हुए किसी और तरह का शोधकार्य भी करवा रही है। वैसे शुरुआती रिसर्च बता रही है कि जोन ऑफ साइलेंस में मैग्नेटिक गुण हैं, जिसके कारण यहां सारे उपकरण बंद हो जाते हैं। हालांकि इसकी वजह भी सामने नहीं आ सकी कि ये गुण किस वजह से हैं। हालांकि ये सामने आ चुका है कि इसी जगह पर आज से लाखों साल पर समुद्र था, जिसे द सी ऑफ थेटीज कहते हैं। यानी ये जगह तब समुद्र का धरातल रही होगी। जोन ऑफ साइलेंस से लगभग 25 मील की दूरी पर आबादी बसी हुई है। वहां तमाम सुविधाएं हैं लेकिन जोन ऑफ साइलेंस लोगों की पहुंच से दूर है। यहां न तो कोई होटल है और न ही किसी का आना-जाना। इसकी वजह है इस जगह की रहस्यमयता, जिसके कारण यहां आकर किसी का भी दुनिया की हर चीज से नाता टूट जाता है। बता दें कि यहां के रेगिस्तानी इलाकों में चुनिंदा ही वनस्पतियां हैं, वे भी लगातार आग से झुलसती रहती हैं। इसका कारण भी तलाशा जा रहा है।एक रिपोर्ट में टीवी क्रू का भी जिक्र है जो यहां आकर घबरा गए थे। तब अजीब से दिखने वाले कुछ लोगों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया। उनके चेहरे ढंके हुए थे और वे लंबे रेनकोट की तरह पोशाक पहने हुए थे, जो कि रेगिस्तानी इलाके के लिए अजीब पोशाक है। इसकी भी कोई वजह या उन लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी।स्थानीय लोगों का जोन ऑफ साइलेंस को लेकर अलग ही विश्वास है। वे मानते हैं कि यहां किसी पारलौकिक ताकत या फिर एलियन्स का बसेरा है। वे लगातार यहां आसमान में किसी अजीब चमक जैसी बातें करते रहे हैं।