अभियान के नाम पर गरीबों के मुंह से छीन रहे निवाला

फतेहपुर। कभी अतिक्रमण तो कभी पालीथीन विरोधी अभियान के नाम पर खागा कस्बा में दो जून की रोटी के लिए फुटपाथ पर सब्ज़ी बेच रहे दुकानदारों का नगर पंचायत व ख़ाकी द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। दूर दराज के गांव में रहने वाले ग्रामीण आर्थिक तंगी के चलते व बच्चों के बेहतर भविष्य और दो वक्त के निवालों के लिए खागा कस्बा के फुटपाथ पर गांव से सब्ज़ी लेकर बेचने आते हैं। देर शाम तक सब्ज़ी बिकने की उम्मीद में सड़क किनारे बैठने के बाद बिक्री से कमाए रुपये को लेकर घर जाते हैं और परिवार की ज़रूरत पूरी करते हैं लेकिन कस्बा में इन दिनों नगर पंचायत द्वारा सड़कों के किनारे सब्ज़ी बेचने वाले दुकानदारों का अतिक्रमण अभियान व पालीथीन उन्मूलन के नाम पर जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। दो चार किलो सब्ज़ी लेकर बैठे हुए दुकानदारों को भी डराने धमकाने के साथ जेल भेजने की धमकी देकर उनसे मनमाना जुर्माना वसूल किया जा रहा है। यही नहीं नगर पंचायत की इस कार्रवाई की आड़ में खाकी भी पीछे नहीं है। पुलिस कर्मियों द्वारा भी पटरी पर सब्ज़ी बेचने वालों का आर्थिक शोषण व उत्पीड़न किया जा रहा है। गाँवो में दो जून की रोटी कमाने में नाकाम रहने पर कस्बा का सहारा लेने के मकसद से सब्ज़ी बेचने वालों में अधिकतर कम पढ़े लिखे अथवा अनपढ कृषि श्रमिक होते या अधिकतर दिहाड़ी मजदूर जो गाँवो में खेती बाड़ी का काम बंद होने से आर्थिक संकट की वजह से गांवो से सब्ज़ियां लेकर कस्बा आते है और उन्हें बेचने के लिए सड़कों के किनारे का स्थान चुनते हैं लेकिन अतिक्रमण की आड़ लेकर नगर पंचायत की कार्रवाई की जद में आ जाते है। नगर पंचायत कर्मियों के ख़ौफ़ का आलम यह है कि टीम को देखकर फुटपाथ पर बैठा सब्ज़ी बेचने वाला उन्हें इसी हाल में छोड़कर भाग जाता है। टीम की कार्रवाई से बच गया तो फिर अपना समान उठाकर किसी तरह वापस भागना पड़ता है। प्रदेश सरकार तरफ हर हाथ काम देने की बात कह रही है। वहीं मेहनत मजदूरी करके पेट भरने वाले स्वाभिमानी किसानों के साथ नगर पंचायत के रवैय्ये से लोग निराश है और नगर पंचायत से सब्ज़ियां बेचने या फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिये अपने लिये स्थान चिन्हित किये जाने की मांग भी कर रहे हैं।