अपराधियों पर नकेल न कसने वाले थाना प्रभारियों की खैर नहीं: डा. राकेश

फतेहपुर। पुलिस महानिरीक्षक प्रयागराज परिक्षेत्र प्रयागराज डा. राकेश सिंह ने अपराध समीक्षा बैठक लेते हुए थाना प्रभारियों के पेंच कसे। थाना क्षेत्र के अंतर्गत अपराधों का जहां ग्राफ गिराए जाने की बात कही वहीं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजने के निर्देश दिए। आईजी ने साफ तौर पर कहा कि अपराधियों पर नकेल न कसने वाले थाना प्रभारियों की खैर नहीं होगी वह अपनी कुर्सी नहीं बचा पाएंगे। आईजी ने अवैध शराब के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाने के साथ ही रात्रि गश्त बढ़ाने के भी निर्देश दिए।रिजर्व पुलिस लाइन के सम्मेलन कक्ष में अपराध समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आईजी डा. राकेश सिंह ने शिरकत की। बैठक में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक के अलावा सभी सर्किल के पुलिस उपाधीक्षकों के साथ ही सभी थाना प्रभारी व उपनिरीक्षक मौजूद रहे। बैठक की शुरूआत में आईजी श्री सिंह ने सभी का परिचय प्राप्त किया तत्पश्चात उन्होने संबंधित थाना प्रभारियों से केस डायरी मांगी। आईजी ने क्षेत्र के अपराधों के बारे में भी जानकारी हासिल की। अपराध अधिक होने पर उन्होने थाना प्रभारियों के पेंच कसे। कहा कि अपराध व अपराधी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इसलिए दोनों पर लगाम लगानी होगी। उन्होने कहा कि जनता का सहयोग लेकर क्षेत्र में अपराध को जन्म देने वाले अपराधियों की सूची बनाएं और उनके खिलाफ कार्रवाई करके जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम करें। पुलिस का सहयोग करने वाले लोगों का नाम गुप्त रखें। थाने पर आने वाले पीड़ितों के साथ मित्रवत व्यवहार करें। उनकी शिकायत को गंभीरता से सुनें और मुकदमा दर्ज करके निस्तारण कराने का प्रयास करें। छोटे-छोटे मामलों को हल्के में न लें और त्वरित कार्रवाई करें। जिससे बड़ा अपराध न हो। उन्होने अवैध शराब निष्कर्षण एवं बिक्री के विरुद्ध अभियान चलाकर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही। महिला संबंधित अपराध व अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अपराध पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए अपराधियों पर गुंडा एक्ट, गैंगेस्टर, हिस्ट्रीशीट खोलने आदि की कार्रवाई की जाए। लंबित विवेचनाओं के शीघ्र गुणवत्तापरक निस्तारण किया जाए। सभी थानों पर जनसुनवाई हेतु एक जनसुवाई अधिकारी नियुक्त किया जाए। थानावार टॉप-10 अपराधियों, जेल से रिहा हुए अपराधियों का सत्यापन आदि की समीक्षा कर दिशा निर्देश दिए गए।महिला हेल्प डेस्क के रजिस्टरों को तैयार करके प्राप्त प्रार्थना पत्रों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए। साइबर हेल्प डेस्क पर विशेष ध्यान दिया जाए।