शहाबगंज (चंदौली ) एक तरफ शासन के निर्देशानुसार नौनिहालों को पढ़ाने के लिए शहरों की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी अध्यापकों की तैनाती की गई जिससे कि छात्र-छात्राओं को शिक्षा अच्छी मिल सके लेकिन वही अध्यापक है की शासन के निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए नियमों को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं जिसका प्रमाण चंदौली जिले के शहाबगंज विकासखंड में देखने को मिला जहां अध्यापकों का समय से विद्यालय नहीं पहुंचना व बच्चों के द्वारा विद्यालय का ताला खोलना बच्चों की शिक्षा दीक्षा पर भारी पड़ रहा है आपको बता दें कि विकासखंड के रसिया कमपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक समय से विद्यालय नहीं आते हैं आते हैं तो केवल महीने में 3 से 4 दिन ही विद्यालय पहुंचते हैं वहीं ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि प्रधानाध्यापक का रवैया और मानसिक स्थिति ठीक नहीं जिससे कि बच्चों को कभी भी कोई भी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है वही कमपोजिट विद्यालय रसिया में तैनात सहायक अध्यापकों का रवैया भी लेटलतीफी वाला है कभी भी कोई सहायक अध्यापक समय से विद्यालय नहीं पहुंचते हैं प्रधानाध्यापक का तो यह है कि हाजिरी लगाने के बाद विद्यालय से गायब हो जाते हैं विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का पठन-पाठन बाधित हो रहा है और अध्यापकों के इस रवैया से बच्चों के अभिभावक भी पूरी तरह से परेशान है अध्यापको के समय से स्कूल ना पहुंचने की शिकायत के बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति करते नजर आते हैं ग्रामीणों के द्वारा शिकायत करने के बाद भी शिक्षा विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगता है वही ग्रामीणों ने कहा कि अगर विद्यालय पर अध्यापकों के द्वारा अपना रवैया बदला नहीं गया तो उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था जिसमें अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा था अगर फिर भी इस तरह की चीजें समय सामने आ रही हैं तो क्यों न कहा जाए कि चेकिंग के नाम पर शिक्षा विभाग के अधिकारी केवल वह केवल खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं |
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