अवंता होल्डिंग मामला हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी करके हुई कार्रवाई ?

नयी दिल्ली|केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने 466 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में दिल्ली के कारोबारी गौतम थापर एवं अन्य के खिलाफ जो कार्रवाई शुरू की थी उसे दिल्ली उच्च न्यायालय के 27 मई के आदेश की अनदेखी करके की गयी जिसे देश की प्रमुख जांच एजेंसी के दुरुपयोग के तौर पर चिह्नित किया जा रहा है।
यस बैंक की ओर से गत 27 मई को दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर सीबीआई ने अवंता होल्डिंग्स एवं अन्य के खिलाफ गत नौ जून को प्राथमिकी दर्ज की थी और दिल्ली एवं एनसीआर सहित देश के 17 ठिकानों पर छापे मारे थे।इस मामले में यह बात सामने आयी है कि यस बैंक ने दिल्ली उच्च न्यायालय में रिकॉर्ड कराये गये बयान और उसके अनुरूप जारी किये गये आदेश की अवहेलना करते हुए सीबीआई में शिकायत दर्ज करायी थी।दर असल गत 27 मई को यस बैंक की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय में पेश वकील अर्जुन कृष्णन ने स्वीकार किया था कि गौतर थापर की कंपनी अवंता होल्डिंग्स के खाते को ष्रेड फ्लैग्ड अकाउंट ;आरएफए के तौर पर चिह्नित किया गया था लेकिन फॉरेंसिक ऑडिट होने के बाद 12 फरवरी 2021 को खाते पर लगाये गये इस आरएफए टैग को हटा लिया गया था। श्री कृष्णन ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपना बयान रिकॉर्ड कराया था कि अवंता होल्डिंग्स के खिलाफ धोखाधड़ी के दिशानिर्देशों के तहत आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति यूनीवार्ता के पास उपलब्ध है।श्री कृष्णन के इस बयान के आधार पर उच्च न्यायालय ने 27 मई को आदेश जारी किया और यस बैंक ने आदेश की अवहेलना करते हुए उसी दिन सीबीआई में कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला भी दर्ज करा दिया। जिसके आधार पर नौ जून को देश के 17 ठिकानों पर छापे मारे गये थे।सीबीआई ने अवंता समूह के प्रोमोटर और कथित तौर पर 466 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले उद्योगपति गौतम थापर के साथ.साथ ऑयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ नयी प्राथमिकी दर्ज करायी है। सीबीआई ने ऑयस्टर बिल्डवेल के निदेशक रघुबीर कुमार शर्माए राजेंद्र कुमार मंगल तापसी महाजन के साथ अवंता रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और झाबुआ पॉवर लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करायी है। मामला यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी आशीष विनोद जोशी की ओर से 27 मई 2021 को दी गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया।जांच एजेंसी का आरोप है कि प्राथमिकी में शामिल आरोपियों और संबंधित कंपनियों ने गैरकानूनी तरीके से तमाम गलत हथकंडे अपनाकर यस बैंक में जमा आम लोगों के 466 करोड़ 15 लाख रुपये का घपला किया।